जिस डॉक्टर के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने यह दावा किया उसने भी उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब इस मीडिया संस्थान ने किसी खबर को बेवजह मजहबी रंग देने का प्रयास किया हो।
यह समझ पाना मुश्किल है कि इंडियन एक्सप्रेस ने इसमें साम्प्रदायिकता का एंगल कैसे तलाश लिया? ऑपइंडिया ने जब दहेज पुलिस स्टेशन में फ़ोन किया तो वहाँ के पुलिस अफसर ने घटना में साम्प्रदायिकता का पुट होने से इंकार किया। बकौल पुलिस, यह रोड रेज की घटना थी और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।