इसी महीने बीएस येद्दियुरप्पा की सरकार ने राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का प्रस्ताव दिया था। साथ ही बंगलुरु के लिए अलग से ATS बनाने की भी घोषणा की थी।
इन गैरकानूनी शरणार्थियों को इकट्ठा होने दीजिए, एक बड़े जगह पर रखिए तो ये धीरे-धीरे अपने दीवार खड़े करते हैं, गैरमुस्लिम लोगों को उनके इलाके में घुसने से मना करते हैं, फिर संख्या बढ़ने पर स्थानीय प्रशासन से अपने लिए मजहबी आधार पर विशेष अधिकारों की माँग करते हैं, और एक समय आता है कि स्वीडन जैसे देश को बलात्कार के नक्शे पर नंबर एक बना देते हैं।
सीमा सुरक्षा बल ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के घौना मैदान क्षेत्र से 26 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
बांग्लादेशी घुसपैठ से परेशान होकर 1979 से 1984 तक ‘अखिल असम छात्र संघ’ ने इनके खिलाफ आंदोलन किया था। इसके बाद 1985 में असम समझौता (असम एकॉर्ड) पर हस्ताक्षर हुआ था