बाल ठाकरे के निधन के बाद नितिन गडकरी ने कहा था, 'हिंदुत्व का विचार उनका हुँकार था'। मौत के 7 साल बाद उद्धव ठाकरे ने उस हुँकार को चीत्कार में बदल दिया है। बदले में मिली सीएम की कुर्सी, जिसकी बाल ठाकरे कभी रिमोट अपने पास रखते थे।
बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर सरकार बनाने का उद्धव का सपना नहीं हुआ पूरा। सोनिया गॉंधी के रुख ने बढ़ाई परेशानी। पुणे में पार्टी नेताओं से चर्चा कर आगे की रणनीति बनाएँगे शरद पवार।
शिवसेना ने एक बड़ी कीमत चुकाई है। जिसकी सरकार को बाला साहेब ने हिजड़ों का शासन कहा उसके सामने झुकना पड़ा। मातोश्री अब 'मातेश्री' का शरणागत है। फिर भी हासिल कुछ नहीं हुआ।
बाला साहेब के बेटे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ 30 साल पुराना गठबंधन लगभग खत्म कर दिया है। वे अड़े हैं कि भाजपा के साथ सरकार तभी शिवसेना बनाएगी जब उसे ढाई साल के लिए सीएम की कुर्सी मिलेगी।