अब दिल्ली में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों सहित सभी धार्मिक स्थलों के आसपास मीट की दुकानें नहीं दिखाई देंगी। दरअसल, ‘दिल्ली नगर निगम’ (MCD) की मंगलवार (31अक्टूबर, 2023) की बैठक हुई। इसमें सदन के लाए किए गए 58 में से 54 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें से मीट की दुकानों के लिए नई लाइसेंस पॉलिसी भी शामिल रही।
इसमें एमसीडी ने राजधानी में धार्मिक स्थलों के नजदीक मीट की दुकानों को लेकर नई लाइसेंस पॉलिसी को मंजूरी दे दी। एमसीडी के 12 जोन में ये पॉलिसी लागू होगी। मीट की दुकानों के लिए इस नई लाइसेंस पॉलिसी को लेकर एमसीडी सदन में खासा हंगामा भी हुआ।
सदन में पेश एजेंडे के मुताबिक, प्रस्तावित नई पॉलिसी में मीट की दुकानों, मीट प्रोसेसिंग यूनिट्स, पैकेजिंग या स्टोर प्लांट्स और ऐसे अन्य प्रतिष्ठानों के लिए नया लाइसेंस और लाइसेंस का नवीनीकरण शामिल होगा।
MCD के अधिकार क्षेत्र में मीट की दुकानों के लिए नए लाइसेंस देने की पॉलिसी पशु चिकित्सा सेवा विभाग की अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होगी और अन्य सभी मौजूदा पॉलिसीज की जगह लेगी। गौरतलब है कि इससे पहले एमसीडी के उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगम में मीट की दुकानों की लाइसेंस फीस और नियम एक नहीं थे। नई लाइसेंस पॉलिसी में एमसीडी के पहले के उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगमों में मांस की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण के लिए दुकानों के लिए 18,000 रुपए और प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए 1.5 लाख रुपए तक की फीस तय की गई है।
मीट स्टोर के लिए एक साल के लिए लाइसेंस रिन्यू करने की फीस 7000 रुपए, दो साल के लिए 12,000 रुपए और तीन साल के लिए 18,000 रुपए होगी। इसके अलावा 500 रुपए की प्रोसेसिंग फीस भी ली जाएगी। मीट की दुकान के लाइसेंसी की मौत होने पर कानूनी वारिस को लाइसेंस ट्रांसफर होने के लिए 5500 रुपए चार्ज लिया जाएगा।
मीट की दुकान के लाइसेंसी की मौत होने पर कानूनी वारिस को लाइसेंस ट्रांसफर करने के लिए 5500 रुपए चार्ज लिया जाएगा। पहली बार नियमों का उल्लंघन करने से मीट की दुकान या परिसर बंद होने से 20 हजार रुपए की प्रोसेसिंग फीस लिए जाएगी। इसके बाद नियमों को लगातार तोड़ने पर 50,000 रुपए लिए जाएँगे।
इसमें कहा गया है कि लाइसेंस दिए जाने की तारीख से हर तीन वित्तीय वर्षों के बाद सभी शुल्क और जुर्माने में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। दिल्ली के साल 2021 के मास्टर प्लान के मुताबिक, आवासीय क्षेत्र में मांस की दुकान का आकार कम से कम 20 वर्ग मीटर है, जबकि वाणिज्यिक क्षेत्रों में दुकानों के आकार पर कोई रोक लागू नहीं होगी। प्रोसेसिंग यूनिट्स प्लांट्स के मामले में कम से कम जरूरी आकार 150 वर्ग मीटर है।
नई पॉलिसी के तहत सदन में पास प्रस्ताव के मुताबिक, मीट की दुकान और मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक स्थलों के बीच कम से कम 150 मीटर की दूरी की शर्त रखी गई है। नई पॉलिसी के तहत मीट की दुकान और धार्मिक स्थल या श्मशान घाट के बीच न्यूनतम दूरी 150 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
इस नई पॉलिसी को लेकर एमसीडी के प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि मीट की दुकान लाइसेंस मिलने के बाद पूजा स्थल बनता है तो प्रशासन दुकान और धार्मिक स्थल के बीच की दूरी पर आपत्ति नहीं जताएगा। यदि मीट की दुकान खोलने वाला मस्जिद समिति या इमाम से NOC लेता है, तो एमसीडी उसे मस्जिद के आसपास सूअर के मांस को छोड़कर स्वीकृत नस्लों के जानवरों का मीट बेचने वाली दुकान खोलने की मंजूरी देता है।