बंगाल के शांतिनिकेतन से हाल में एक हिंदू महिला की वीडियो वायरल हुई। महिला का दावा था कि टीएमसी के गुंडों ने उसके मंदिर को तोड़ दिया और उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। महिला का नाम दुर्गा रॉय है। उसने टीएमसी के पार्षद और कुछ अन्य लोगों पर उसके साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया।
बीरभूम जिले के बोलपुर शहर की शांतिनिकेतन निवासी दुर्गा मीडिया से कहती सुनी गईं- “तृणमूल कॉन्ग्रेस के पार्षद ने पुलिस के साथ आकर मेरा मंदिर तोड़ा और पुलिस ने (उनपर कार्रवाई करने की जगह) मुझे ही गिरफ्तार कर लिया।”
दुर्गा बताती हैं, “मैं पूरी घटना को रिकॉर्ड कर रही थी लेकिन उन्होंने मेरा फोन ले लिया और हर सबूत भी डिलीट कर दिया। बाद में पुलिस ने मुझे जेल में डाल दिया। मैं जब शाम में जेल से छूटी तो मैंने आकर देखा मेरा मंदिर पूरा तोड़ दिया गया था और उन्होंने वहाँ इस प्रकार से अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया था कि मेरी बाउंडरी की नींव कमजोर हो जाए।”
Anti hindu TMC
— ᴅᴇʙᴀᴊɪᴛ ꜱᴀʀᴋᴀʀ🇮🇳 (@debajits3110) April 1, 2024
"Trinamool councilors have demolished Hindu temples with the help of police "
My temple was vandalized by Trinamool councilor with the help of police and when I recorded the video, the police took me to the station and beat me up and deleted my videos. This is… pic.twitter.com/sFNnX6XSYj
दुर्गा रॉय ने अपनी शिकायत में टीएमसी पार्षद चंदन मंडल और शेख हसन का नाम लिया है। पीड़िता ने कहा, “टीएमसी पार्षद चंदन मंडल भी इसमें शामिल है। वो मेरे मंदिर की जमीन को कब्जाना चाहते हैं। मैंने एसपी के पास शिकायत दी, महिला आयोग में शिकायत दी लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।”
महिला ने बताया कि मंदिर तुड़वाने में हाथ शेख हसन का है। उन्होंने पुलिस को बताया कि जमीन का मामला विचाराधीन है लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। उनका दावा है कि जेल में बंद करके उनको बेरहमी से पीटा गया। इसके अलावा उनके साथ गाली-गलौच भी हुई।
वह कहती हैं- “मैं लगातार डर में जी रही हूँ। अनजाने लोग मेरे इलाके में आते हैं और मुझे मेरे नाम से बुलाते हैं। मैं अपने घर में कैद हो गई हूँ और बाहर पाँव भी नहीं रख पाती। मुझे न्याय चाहिए। न्यायपालिका जो भी फैसला देगी मैं उसे स्वीकारूँगी। लेकिन, पुलिस मुझे क्यों मार रही है? मैं अपने बच्चों को अकेले पाल रही हूँ।” उन्होंने कहा, “पुलिस मुझसे पूछ सकती थी कि क्या ये अवैध कब्जा है क्या या नहीं, लेकिन कोई नोटिस नहीं आया और पुलिस मेरी सुनने को भी तैयार नहीं थी।”
ईटीवी बांग्ला के अनुसार, दुर्गा कॉय ने पुलिस के सामने एक स्थानीय रसूख वाले शख्स का नाम देकर कहा था कि वो आदमी उनकी जमीन कब्जाने के प्रयास में है। उस व्यक्ति का नाम देब्रता चौधरी है जिसने इन सभी इल्जामों से अपना पल्ला झाड़ लिया है और कहा कि सारे आरोप झूठे हैं।
बता दें कि कुछ समय पहले बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों द्वारा प्रताड़ित लोगों ने अपनी आवाज उठाई थी। बाद में इस मामले में शेख शाहजहाँ, शिबू प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार जैसे लोग गिरफ्तार हुए थे।