इजरायल और हमास के बीच की लड़ाई सिर्फ मिडिल-ईस्ट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर भारत में भी दिखता है। हमास के समर्थक इस्लामिक कट्टरपंथियों में आतंकवाद के प्रति सहानुभूति साफ तौर पर नजर आती है। बहुत सारे कट्टरपंथी इजरायल के निरपराध नागरिकों की हत्याओं का ये कह कर बचाव कर रहे हैं हमास ने ये नृशंष हत्याएं आत्मरक्षा में उठाया।
अक्टूबर 2023 में हमास और फिलिस्तीनी लड़ाकों ने इजरायल की सीमा पार कर भीषण हमला किया था, जिसमें 1300 आम नागरिकों की हत्या कर दी गई तो 100 से ज्यादा लोगों को अगवा कर लिया गया। हमलावर आतंकियों ने महिलाओं का रेप किया, पुरुषों का सिर कलम किया और गर्भवती महिलाओं का पेट फाड़ डाला। इन घटनाओं का समर्थन करने वाले लोगों के बारे में ऑपइंडिया को एक ऐसी हमास समर्थक महिला की सूचना मिली, जिसके हाथों में हजारों बच्चों के भविष्य को बनाने की जिम्मेदारी है। वो महिला सोशल मीडिया पर न सिर्फ हमास समर्थक, बल्कि एंटी हिंदू पोस्ट को भी लाइक करती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कुत्ते से करती है।
मिलिए उसी महिला से, जिसका नाम परवीन शेख है। परवीन शेख मुंबई के मशहूर स्कूल द सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल हैं। ये स्कूल मुंबई के घाटकोपर-ईस्ट इलाके में आने वाले विद्या विहार में स्थित है। परवीन शेख 12 साल से स्कूल से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 7 साल वो बतौर प्रिंसिपल काम कर चुकी हैं।
शेख के पास MSc की डिग्री है, तो MEd की भी। परवीन शेख 2 दशकों से शिक्षण के पेशे में है, इसकी जानकारी सोमैया स्कूल की वेबसाइट पर दर्ज है। परवीन शेख की अगुवाई में ये स्कूल कई सारे अवॉर्ड भी जीत चुका है।
हजारों बच्चों के भविष्य को संवारने का जिम्मा जिस परवीन शेख पर है, उस पर ऐसे आरोपों की जानकारी मिलने के बाद ऑपइंडिया ने उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल की पड़ताल की।
परवीन शेख सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय नहीं दिखती, ऐसा उनके एक्स (पूर्व में ट्विटर) की गतिविधियों से पता चलता है। वो @ParveenShaikh1 नाम से एक्स पर हैं। चूँकि उनके संस्थान ने इसी हैंडल को टैग किया है, ऐसे में इस प्रोफाइल को हम असली मान कर चल रहे हैं। स्कूलुशंस पॉडकास्ट ने भी इसी हैंडल को टैग किया है। ठीक इसी तरह से सिम्हा TISS (टाटा इंस्टीट्यूट का हिस्सा) ने जून 2020 में परवीन शेख को इसी हैंडल को टैग किया है।
सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख के एक्स पर 250 फॉलोवर्स हैं, और 241 पोस्ट किए गए हैं। उनका एक्स हैंडल ज्यादा सक्रिय नहीं दिखता, अगर कुछ पोस्ट हैं भी तो वो स्कूल और परवीन शेख की उपलब्धियों के बारे में ही है। ऐसे में परवीन शेख की प्रोफाइल एक शिक्षाविद की ज्यादा दिखती है।
परवीन शेख की प्रोफाइल भले ही बाहर से एक शिक्षाविद की लग रही हो, लेकिन जैसे ही हम उनके ‘रिप्लाई’ और ‘लाइक’ की तरफ जाते हैं, तब जाकर परवीन शेख का असली चेहरा बेनकाब होता है।
परवीन शेख ने जो सबसे नया ट्वीट ‘लाइक’ किया है, वो है एक्स यूजर सुलेमान अहमद का, जिसमें यूएन में फिलिस्तीन के समर्थन में वोटिंग करने वाले देशों की लिस्ट है। ये उनका सबसे कम खतरनाक लगता है, क्योंकि फिलिस्तीन को समर्थन करना कोई अपराध नहीं है। हालाँकि इस ट्वीट को करने वाला सुलेमान अहमद खुद हिंदुओं और भारत के खिलाफ एक्स पर प्रोपेगेंडा चलाता रहता है।
परवीन शेख ने 12 अप्रैल 2024 को एक अन्य ट्वीट को लाइक किया है, जिससे उनकी विचारधारा बेनकाब हो जाती है। शेख ने यहूदी विरोधी और फेक न्यूज पेडलर जैकसन हिंकल की पोस्ट लाइक की है, जिसमें वो हमास नेता इस्माइल हनियेह के बेटे और पोते की ‘मौत को शहादत’ बता रहा है। उन्हें इजरायल ने हमास आतंकी होने की वजह से मार दिया था और जैकसन के पोस्ट में दोनों को ‘शहीद’ बताया गया है। इससे पता चलता है कि उनका मानना है कि हमास को यहूदियों के खिलाफ अत्याचार करने के लिए अल्लाह ने आदेश दिया है।
परवीन शेख ने एक्स पर हमास द्वारा इजरायल के खिलाफ जारी ‘प्रतिरोध’ से जुड़े बयानों को बार-बार लाइक किया है। बता दें कि हमास और उसके समर्थक 7 अक्टूबर 2023 को निरीह यहूदियों की हत्या को ‘प्रतिरोध’ बताकर प्रचारित करते हैं।
एक अन्य ट्वीट देखिए, जिसे परवीन शेख ने लाइक किया है।
इस पोस्ट में एनिमेटेड तस्वीर है, जिसमें काले कपड़ों में नकाबपोश व्यक्ति असाल्ट राइफल पकड़े हुए है। इसके कैप्शन में ‘अल्लाह से दुआ’ की प्रार्थना की गई है। जब हम इस ट्वीट के मूल पर जाते हैं, जिसके जवाब में ये पोस्ट किया गया है, तब हम पाते हैं वो ओरिजनल पोस्च, जिसमें हमास आतंकी -हमजा हिशाम अमीर की तारीफ की गई है। अमीर ने इजरायलियों पर आरपीजी से हमले किए थे, और उस समय वो आम नागरिकों के कपड़े में था। उसकी तारीफ न सिर्फ हमास ने की, बल्कि पूरी दुनिया के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उसकी शान में कसीदे गढ़े।
NEW:
— Megatron (@Megatron_ron) March 10, 2024
⚡ 🇵🇸 Hamza Hisham Amer, a Palestinian resistance fighter, whose distinctive clothing style gained widespread attention during operations against invading Israeli soldiers, has been martyred.
He single-handedly destroyed several Israeli tanks along with the crew.… pic.twitter.com/QHl4T5z1x5
एक अन्य ट्वीट, जिसे शेख ने लाइक किया है, उसमें पोस्ट पकड़े एक व्यक्ति खड़ा है और उस पोस्ट पर लिखा है, ‘प्रतिरोध आतंकवाद नहीं है।’ ये पोस्ट हमास आतंकियों द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले को ‘आतंकवाद’ की जगह ‘प्रतिरोध’ बताकर सही साबित करने का प्रयास है।
हमास के 7 अक्टूबर के हमले को ‘प्रतिरोध’ बताने वाली पोस्ट से आगे परवीन शेख ने हमास द्वारा जारी किए गए उस स्टेटमेंट यानी बयान को भी लाइक किया है, जिसमें हमास ने अपने ‘फाइटर्स’ द्वारा 7 अक्टूबर के ‘युद्ध’ में महिलाओं का रेप नहीं किया।
परवीन शेख ने एक अन्य ट्वीट जो पसंद किया है, उसमें दावा किया गया है कि हमास बुरा नहीं है।
परवीन शेख हमास के प्रति किस हद तक सहानुभूति रखती है, इसका पता इसी बात से लग जाता है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली नागरिकों के नरसंहार के दूसरे ही दिन उसने फिलिस्तीन के समर्थन वाली पोस्ट को लाइक किया है।
हमास ही नहीं, परवीन शेख भारत के इस्लामी कट्टरपंथियों की भी समर्थक
परवीन शेख ने 2021 में दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों के आरोपित शरजील उसामी के ट्वीट को भी लाइक किया है, जिसमें समस्त हिंदुओं को ‘कट्टरपंथी’ कहा गया है।
अप्रैल 2022 में परवीन शेख ने ऐसे ट्वीट को लाइक किया है, जिसमें हिंदुओं को राम नवमी के मौके पर हुई हिंसा का जिम्मेदार ठहराया गया है और मुस्लिमों को ‘पीड़ित’ बताया गया है। जबकि हकीकत ये है कि 2022 की रामनवमी के दौरान हिंदुओं पर हमले हुए। खुद ऑपइंडिया ने 5 राज्यों में हुए ऐसे कई हमलों की रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
परवीन शेख ने दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों के मुख्य साजिशकर्ता उमर खालिज के समर्थन वाली पोस्ट को भी लाइक किया है।
परवीन शेख जाकिर नईक की भी फैन है।
हिंदू विरोधी ट्वीट्स भी लाइक करती है परवीन शेख
परवीन शेख ने ऐसा वीडियो भी लाइक किया है, जिसमें एक बच्चा ये बताता रहा है कि कैसे मंदिर जाने से केवल दुख और गरीबी आती है।
ये वीडियो यहाँ देखा जा सकता है।
Every single word is fire. pic.twitter.com/7nGyPVkKU6
— Harsh (@_ambedkarite) January 22, 2024
ऑपइंडिया को परवीन का ऐसा ट्वीट भी मिला है, जिसमें वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कुत्ते से करती दिख रही हैं।
यही नहीं, फरवरी 2022 में परवीन शेख पीएम मोदी को ‘रोल प्ले’ करने वाला करार दे रही हैं, साथ ही वो पीएम मोदी को फिल्म इंडस्ट्री भी ज्वॉइन करने की सलाह दे रही हैं।
यही नहीं, सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख पीएम मोदी को ‘फ्रॉड’, ‘शैतान’ और ‘नरसंहार’ को बढ़ावा देने वाला भी बताती दिख रही हैं।
अप्रैल 2021 के ट्वीट में परवीन शेख ने यूपी के सीएम को ‘आधुनिक जमाने का फिराउन’ कहा, जिसका इस्लामिक किताबों में शाब्दिक अर्थ ‘शैतान’ है।
यही नहीं, परवीन शेख सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने की भी समर्थक है, जबकि हिसाब धार्मिक रूप से इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है।
जून 2022 परवीन शेख ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को ‘अपना जमीर शैतान को बेचने’ वाला कहा। जबकि वो कतर की सरकार से कह रहे थे कि वो (कतर) भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे।
पीएम नरेंद्र मोदी मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रवादी पत्रकारों को अपशब्द कहने वाली परवीन शेख हमास के नरेटिव को भी आगे बढ़ाती रही हैं। परवीन शेख यहूदी विरोधी बातों को भी आगे बढ़ाती दिख रही हैं।
परवीन शेख एक तरफ सो हिंदू विरोधी ट्वीट्स को लाइक करती है, तो दूसरी तरफ कट्टरपंथी इस्लाम का विरोध करने वाले तकरीबन हर तर्क को कुतर्की के साथ खारिज करती है।
परवीन शेख न सिर्फ हमास का खुलेआम समर्थन करती है, बल्कि भारतीय इस्लामिक कट्टरपंथियों का भी समर्थन करती है।
ये बात अभी साफ नहीं है कि सोमैया स्कूल ने कोई सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई है या नहीं। शायद मैनेजमेंट भी अपने उन ‘शिक्षकों’ की सोशल मीडिया पर भी नजर नहीं रख पाता, जिन्हें उसने बच्चों को पढ़ाने के लिए नौकरी पर रखा है।
वैसे, परवीन शेख का बचाव करने वाला कोई ये कह सकता है कि ट्वीट ‘लाइक’ करने का मतलब उसका समर्थन करना नहीं होता। हालाँकि हम सब देख ही चुके हैं कि परवीन शेख खास विचारधारा से जुड़े ट्वीट्स सालों से लाइक कर रही हैं। कई सारे ट्वीट्स पर उन्होंने जवाब भी दिए हैं, जो ये समझने के लिए काफी है कि वो उन सभी ट्वीट्स और उनकी विचारधाराओं को बढ़ा रही है, जिसे वो लाइक कर रही है। अगर वो ट्वीट्स को सिर्फ ‘सुरक्षित’ करने के लिए लाइक कर रही होती, तो सिर्फ हमास समर्थक, इस्लामिक कट्टरपंथ समर्थक और एंटी-हिंदू ट्वीट्स को ही लाइक नहीं कर रही होती।
बहरहाल, ऑपइंडिया ने इस मामले में परवीन शेख को मेल भेजकर उनका पक्ष भी लेने की कोशिश की है, लेकिन 24 घंटों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। अगर उनका कोई जवाब आता है, तो हम अपनी स्टोरी को अपडेट करेंगे।
ये लेख मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया है। मूल लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।