गुजरात के भरूच के वागरा तालुका के ओच्छन गाँव में मुस्लिम भीड़ ने किशन कुमार नाम के हिंदू व्यापारी और उनकी पत्नी पर जानलेवा हमला किया। किशन भगवान राम के मंदिर के नीचे एक किराने की दुकान चलाते हैं। मुस्लिम भीड़ ने हमले के दौरान गाँव के सरपंच समेत उन लोगों को भी मारा है जो किशन को बचाने आगे आए। हमले की सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुँचीं और 2 नाबालिग समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके अपनी जाँच शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक, घटना 21 अप्रैल 2024 की है। उस दिन रात के 10:30 बजे आरोपित अब्दुल अहमद पटेल के 2 बेटे किशन की दुकान से कुछ सामान लेने आए थे। इस दौरान दोनों किसी बात पर गाली-गलौच कर रहे थे। किशन ने दोनों की अभद्र भाषा को सुना तो उन्हें कहा कि वो सामान लेकर जाएँ, दुकान के बाहर महिलाएँ खड़ी हैं, वो असहज हो सकती हैं। इसी बात पर दोनों भाई भड़क गए। दोनों फिर व्यापारी और उसकी पत्नी के साथ गाली-गलौच करने लगे।
झगड़ा बढ़ा तो मारपीट की आवाज सुनकर जावेद, हुजेफ, मुस्ताक, रियाज, अब्दुल समेत 15-20 लोगों की भीड़ आ गई। भीड़ ने बिन कुछ सोचे समझे किशन को घेरकर मारना-पीटना शरू कर दिया। एफआईआर में ये भी कहा गया है कि भीड़ ने मंदिर के नीचे बनी किराने की दुकान पर पथराव भी किया और उस दुकान को जलाने की कोशिश भी की।
ऑपइंडिया की पीड़ित से बातचीत
ऑपइंडिया को जब घटना की जानकारी हुई तो हमने इसके लिए पीड़ित किशन कुमावत से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया- “अब्दुल पटेल के दोनों बच्चे पिछले कुछ समय से मेरी दुकान में जबरन डिब्बा खोलकर कुछ भी खाने लगते थे। पैसे माँगता था तो कहते थे कि अपने गाँव भाग जा। कल वो मेरी दुकान पर आए और खड़े थे। हंगामा शुरू हुआ तो अब्दुल अहमद, रियाज, फिरोजा, सबीना, तस्लीमा, सईद, मुस्ताक, हुजेफ और जावेद सहित 15-20 का समूह आया। उन लोगों ने मुझे घेरा और पीटना शुरू कर दिया।”
किशन कहते हैं- “झगड़े के बीच में मेरी पत्नी मुझे बचाने आई तो उसे भी पीटा गया। आसपास के लोगों ने बीच बचाव करके मुझे बचाया पर वो लोग तो चिल्ला रहे थे इसे मार डालो… मेरे पड़ोसी ने मुझसे कहा कि किशन भाई तुम मेरे घर आ जाओ ये लोग तुम्हें मार डालेंगे। मैं उनके घर जाता इस बीच मेरे गाँव में सरपंच समेत सब लोग आ गए। उस भीड़ ने तो उनपर भी हमला कर दिया। मैं पड़ोसी के घर से बाहर निकला तो देखा मेरी दुकान में आग लगाने की कोशिश की गई थी।” पीड़ित ने बताया कि इस बीच पुलिस को सूचना मिलते ही उनकी एक टीम फौरन मौके पर पहुँची और दुकान में लगी आग को बुझाया गया। किशन कहते हैं- “मेरे पड़ोसी मुझे नहीं छिपाते तो मैं मार दिया गया होता।”
सरपंच से ऑपइंडिया की बात
गौरतलब है कि इस घटना में हिंदू व्यापारी के अलावा गाँव के सरपंच धर्मेंद्र सिंह राणा पर भी हमला किया गया था। ऑपइंडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने भी बताया कि गाँव में एक शादी थी और वो उसमें शामिल होने गए थे। इसी बीच किसी ने आकर उन्हें बताया कि रामजी के मंदिर के नीचे किराने की दुकान चलाने वाले किशन को मुस्लिम भीड़ मार रही है। उसे बचा लो, नहीं तो सब उसे मार डालेंगे।
सरपंच कहते हैं कि इतना सुनने के बाद वो और कुछ अन्य लोग किशन को बचाने गए मगर, मामला शांत होने की बजाय और बढ़ गया। मुस्लिम भीड़ ने सब पर हमला कर दिया। उनके कपड़े फाड़ दिए। सरपंच कहते हैं, “मेरे पीठ और गर्दन में चोट आई है। हमलावर भीड़ में महिलाएँ भी थीं। वे भी इतनी उग्र थीं कि सबके सब किशन को मारने की बातें कह रहे थे।”
सरपंच ने बताया, “भीड़ जिस तरह से किशन को मार रही थी, उसे देखकर लग रहा था कि उसे मार दिया गया होगा। अगर हमने बीच में पड़ने का जोखिम नहीं उठाया होता तो शायद वो ऐसा कर देते। उन्होंने हमलपर हमला बोला। जहाँ हमला हुआ वो पूरा इलाका हिंदुओं का है, वहाँ हमारा रामजी मंदिर है। भीड़ कह रही थी कि इसे चाकू मारो। पुलिस ने आकर मामले को संभाला और कार्रवाई की।”
इस घटना के संबंध में भरूच जिले की वागरा पुलिस ने अब्दुल अहमद पटेल और उनके 2 बच्चों रियाज मुस्ताक पटेल, फिरोजा मुस्ताक पटेल, सबीना मुस्ताक पटेल, तसलीमा मुस्ताक पटेल, तस्लीमा अब्दुल पटेल, सईद अहमद पटेल को गिरफ्तार किया है। मुस्ताक अहमद पटेल, हुजेफ जाकिर पटेल और जाविद एडम पटेल सहित 11 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 323, 337, 436, 504 और 506 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ऑपइंडिया के पास FIR की कॉपी उपलब्ध है।