पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में महँगाई के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बंद का आह्वान किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने हिंसक कदम उठाए और कई जगहों पर लोगों पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान प्रशासन ने धारा 144 भी लागू की, लेकिन लोगों का गुस्सा नहीं थमा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार (11 मई 2024) को पीओके के मुजफ्फराबाद में लोगों ने विरोध प्रदर्शन के साथ ही बंद का आह्वान किया था। इसकी वजह से पूरा जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। एक तरफ सारे व्यापसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, तो दूसरी तरफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए।
पीओके में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) ने किया था। दरअसल, शुक्रवार (10 मई 2024) को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में शटर-डाउन और चक्क-जाम हड़ताल के दौरान पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों में लोग प्रभावित हुए।इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव के बाद सुरक्षा बलों ने मस्जिदों पर भी पथराव किया। इसके विरोध में शनिवार को भी हिंसा फैल गई। शनिवार की हड़ताल समाहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरट्टा, तत्तापानी और हट्टियन बाला सहित पीओके के विभिन्न हिस्सों में देखी गई।
जेकेजेएसी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों में रात भर की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हड़ताल का ऐलान किया था। समिति ने पहले 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबे मार्च की योजना की घोषणा की थी।
सूत्रों ने कहा कि हड़ताल की आशंका में सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी और 10 और 11 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की थी। हालाँकि, पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए। इसके बाद पुलिस ने लोगों पर जमकर लाठियाँ भाँजी और उन्हें तिरत-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।