बाहुबली फिल्म में ‘कटप्पा’ का किरदार निभाने वाले तमिल एक्टर सत्यराज ने यूपी-बिहार जैसे उत्तरी राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों का मजाक उड़ाकर विवाद खड़ा कर दिया है। तमिलनाडु के त्रिची में आयोजित एक कार्यक्रम में सत्यराज ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को “आत्म-सम्मान क्या होता है, यह सिखाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि चूँकि वे पीढ़ियों तक नहीं जाएँगे, इसलिए उत्तरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों को “द्रविड़ मॉडल और विचारधारा के सिद्धांत” सिखाना ज़रूरी है। इससे पहले, सत्यराज ने उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन को मिटाओ’ बयान का भी समर्थन किया था और इसके लिए उदयनिधि की तारीफ भी की थी।
डीएमके के समर्थक माने जाने वाले सत्यराज ने तमिलनाडु से विदेशों में पलायन और देश के उत्तरी राज्यों से तमिलनाडु में बस रहे प्रवासियों और उनकी वजह से सामने आ रही समस्याओं के बारे में समझाते हुए ये बयान दिया। उन्होंने तमिलनाडु आने वाले उत्तर भारतीय मजदूरों की तुलना भारत जैसे देशों से अमेरिका और ब्रिटेन जाकर बसने वाले लोगों से की। सत्यराज ने कहा कि अपने जीवन में परेशानियों का सामने करने वाला मजदूर वर्ग तमिलनाडु में आकर अमेरिका की तरह ही तमिलनाडु को अपनी पसंदीदा जगह के तौर पर देखता है।
सत्यराज ने कहा, “उत्तरी राज्यों के श्रमिक यहाँ क्यों आते हैं? वे यहाँ इसलिए आते हैं क्योंकि यहाँ सब ठीक नहीं है, है न? सभी अप्रवासियों को हमारे द्रविड़ मॉडल, द्रविड़ दर्शन को वास्तव में जानने का कोई मौका नहीं मिलता। जबकि ये लोग पीढ़ियों-पीढ़ियों के लिए यहाँ बस जाते हैं। जैसे अमेरिका पहुँचने वाले लोग वहीं बस जाते हैं और अमेरिका को छोड़कर नहीं जाना चाहते, वैसे ही बिहार जैसे उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों से आए लोग भी करते हैं। वो अमेरिका की तरह ही तमिलनाडु को भी नहीं छोड़कर जाना चाहते, उनके लिए तमिलनाडु अमेरिका जैसा ही होगा।”
தமிழ்நாட்டை நோக்கி வரும் வடமாநில தொழிலாளர்களுக்கு திராவிட மாடல், திராவிட சித்தாந்தங்களை கற்றுக் கொடுக்க வேண்டும் – நடிகர் சத்யராஜ் #Trichy | #NorthIndianWorkers | #Sathyaraj pic.twitter.com/N7yMRTI0Ii
— Polimer News (@polimernews) June 11, 2024
सत्यनाज ने प्रवासी मजदूरों में ‘द्रविड़ियन विचार धारा को जगाने के लिए’ ट्रेनिंग सेंटर तक खोलने का सुझाव दिया, ताकि लोगों को तमिल और द्रविड़ कल्चर के बारे में बताया जा सके। उन्होंने सुझाव किया कि यूपी जैसे राज्यों में भी ऐसे सेंटर खोले जाने चाहिए, तभी राजनीतिक बदलाव और जागरण होगा। प्रवासी मजदूरों का मजाक उड़ाते हुए सत्यराज ने कहा कि उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि आत्म-सम्मान क्या है? महिलाओं की आजादी क्या है? उन्होंने तर्क दिया कि चूँकि वे पीढ़ियों तक तमिलनाडु नहीं छोड़ेंगे, इसलिए उन्हें द्रविड़ मॉडल और विचारधारा की जानकारी दी जानी चाहिए।
सत्यराज ने कहा , “वे निश्चित रूप से यहाँ से नहीं जाएंगे, उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि आत्म-सम्मान क्या है? तर्कसंगत सोच क्या है? द्रविड़ मॉडल क्या है? भले ही वे तमिल नहीं जानते हों, वे इसे एक पीढ़ी में सीख लेंगे, बस उन्हें उनकी भाषा में कुछ चीजें सिखाएँ, जैसे कि आत्म-सम्मान क्या है, तर्कसंगत सोच क्या है, महिलाओं की मुक्ति क्या है, कोई भी जन्म से बड़ा या छोटा नहीं होता। ऐसा करना क्रूरता है। उत्तरी भारत के राज्यों में जन्म के आधार पर भेदभाव होता है, जिसकी कोई सीमा नहीं है। उन्हें ये सब समझाया जाना चाहिए।”
बता दें कि सत्यराज द्रविड़ विचारधारा की वकालत करते रहे हैं और अक्सर अपने भाषणों और अपनी फिल्मों के माध्यम से इन विचारों को बढ़ावा देते हैं। वह अक्सर ऐसी फिल्मों में दिखाई देते हैं, जिनमें ब्राह्मणों को गलत तरीके से दिखाया जाता है। उनकी फिल्मों में द्रविड़ किरदारों को सकात्मक दिखाया जाता है और ब्राह्मणों को अक्सर अत्याचारी भूमिका में दिखाया जाता है। यहाँ ये भी बता दें कि सत्यराज ईवी रामास्वामी की बायोपिक में उनकी भूमिका भी निभा चुके हैं। ईवी रामास्वामी को पेरियार नाम से भी जाना जाता है, जो ब्राह्मण विरोधी रहा है और उसे द्रविड़ियन राजनीतिक पार्टियाँ सम्मान की नजर से देखती हैं। असल में, पेरियार उत्तर और दक्षिण भारत बीच विभाजन की रेखा बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।
Its Hindus who fund these haters!! #UdhayanidhiStalinControversy #UdaynidhiStalin #Satyaraj
— Kiran RJ(Modi‘s Family) (@rjkiranofficial) September 8, 2023
These haters movies must be called for boycott irrespective of the hereos the film! Ofcourse damage is already made 🤷♀️ pic.twitter.com/uVJGjS5x3k
इससे पहले सत्यराज उदयनिधि स्टालिन का भी समर्थन कर चुके हैं, जब स्टालिन ने सनातन परंपरा को लेकर विवादास्पद बयान दिए थे और सनातन को मिटाने की बात कही थी। स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। उस समय सत्यराज ने उदयनिधि स्टालिन को अपना समर्थन देते हुए कहा था , “मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है। मैं मंत्री उदयनिधि के साहस की सराहना करता हूँ। वो जिस तरह से हर मामले को संभालते हैं, वो शानदार है।”