योग दिवस (21 जून) के मौके पर श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे (स्वर्ण मंदिर) के भीतर जाकर ‘शीर्षासन’ करने वाली इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना के विरुद्ध अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शिकायत दर्ज की है। संगठन ने अर्चना पर धार्मिक भावनाएँ आहत करने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।
इसके अलावा उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियाँ भी मिल रही हैं। इस सबंध में इन्फ्लुंसर ने खुद अपने सोशल मीडिया पर आकर बताया। साथ ही जानकारी दी कि इन धमकियों के मद्देनजर उन्हें गुजरात की वडोदरा पुलिस ने बिन माँगे सुरक्षा मुहैया कराई है जिसके लिए वह उनकी आभारी है। अपने पोस्ट में उन्होंने वडोदरा पुलिस के साथ गुजरात सरकार का भी धन्यवाद किया है। साथ ही अपने फॉलोवर्स को बताया है कि वो अभी सुरक्षित हैं।
बता दें कि 23 जून को अर्चना मकवाना की वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था कि इस मामले में पुलिस आयुक्त को शिकायत भेजी गई है। उन्होंने एक बयान में कहा था कि किसी को भी स्वर्ण मंदिर में सिखों के आचरण के खिलाफ काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, मगर कुछ लोग जानबूझकर इस पवित्र स्थान की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व को नजरअंदाज करते हैं और आपत्तिजनक कार्य करते हैं।
Archana Makwana is apologizing to those who are threatening her for her life just for practicing Yog inside Golden temple.
— Sunanda Roy 👑 (@SaffronSunanda) June 23, 2024
But they allow Namaz but not Yoga.
SGPC is going radical and we know the reason. pic.twitter.com/YGJQBF7aws
वहीं मकवाना का कहना था कि उन्होंने इस मंशा के साथ स्वर्ण मंदिर में योग नहीं किया जैसा लोगों ने समझ लिया । उन्होंने सिर्फ पंजाब में योग को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा किया था, मगर उनकी बात को गलत ले लिया गया। अपनी एक वीडियो में उन्होंने हाथ जोड़कर माफी तक माँगी थी। बावजूद इसके उन्हें धमकियाँ आने लगीं।
अर्चना ने कुछ स्क्रीनशॉट भी अपनी स्टोरी पर लगाए हैं जिसमें उन्हें मैसेज किया गया है- “काश निर्भया की जगह तुम होतीं”, “ये तो एहसान मानो अभी तक जिंदा हो वरना किसी ने अभी तक मार देना था तुमको।”
उल्लेखनीय है कि इस मामले में सिर्फ अर्चना मकवाना के खिलाफ कार्रवाई की बात नहीं हो रही बल्कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी), सर्वोच्च गुरुद्वारा निकाय ने भी अपने तीन कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने के लिए निलंबित कर दिए जाने की भी खबर है।