सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि 5 मई को आयोजित हुई NEET UG में गड़बड़ी हुई है। हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय ने परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़, JB पार्दीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि परीक्षा को रद्द करने और इसे फिर से आयोजित किए जाने का फैसला इस आधार पर लिया जाएगा कि पेपर लीक किस हद तक हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक है ही नहीं की परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पेपर लीक के दुष्परिणाम क्या होंगे ये इस पर निर्भर करता है कि ये किस हद तक हुआ है। अगर इसका स्तर बड़ा नहीं है, तो इसे लीक करने का फैसला नहीं लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा पुनः आयोजित करने जाने का आदेश देने से पहले सावधान रहने की ज़रूरत है, क्योंकि हम 23 लाख छात्र-छात्रों के करियर की बात कर रहे हैं। लीक किस समय हुआ और कितना व्यापक था – इसे सुप्रीम कोर्ट ने इसका जवाब तलाशने पर जोर दिया।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये सवाल भी किया कि NTA व केंद्र सरकार ने इस पेपर लीक के संबंध में क्या कार्रवाई की है। साथ ही ये पता लगाने को कहा कि इससे किन्हें फायदा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सोशल मीडिया में प्रश्न-पत्र लीक हुआ होता तो इसका प्रसार काफी अधिक होता। क्या ये लीक व्यवस्थित ढंग से हुआ, क्या ये इस स्तर का था कि परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करता है, इसका फायदा जिन्हें पहुँचा उन्हें बाकी छात्रों से अलग चिह्नित किया जा सकता है या नहीं – सुप्रीम कोर्ट ने इन 3 सवालों को महत्वपूर्ण बताया।
NEET UG 2024: Supreme Court orders NTA to clarify three aspects
— Bar and Bench (@barandbench) July 8, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने NTA को ये पता लगाने के लिए कहा कि इस पेपर लीक का लाभ किन लोगों ने उठाया, किन परीक्षा सेंटरों से प्रश्न-पत्र लीक हुए। CBI से भी सर्वोच्च न्यायालय ने अब तक की जाँच की रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि कई छात्र और विपक्षी राजनीतिक दल ‘ReNEET’, अर्थात NEET की परीक्षा पुनः आयोजित करने की माँग कर रहे हैं। इस मामले में बिहार-झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से भी गिरफ्तारियाँ हुई हैं।