समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने हाल ही में एक युवक की आत्महत्या को लेकर झूठ फैलाया। उन्होंने वाराणसी में फांसी लगा आत्महत्या करने वाला हरीश और इसी kii सूचना पर आत्महत्या करने वाली उनकी पत्नी संचिता शरण को लेकर यह झूठे दावे किए।
अखिलेश यादव ने दावा किया कि 28 वर्षीय हरीश बागेश ने अपनी नौकरी जाने और दूसरी नौकरी ना मिलने के दबाव के कारण आत्महत्या की है। यादव ने भाजपा को इसमें घसीटते हुए दावा किया कि पति-पत्नी की आत्महत्या उत्तर प्रदेश में भाजपा की विफलता का प्रमाण है।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या करने का दुःखद समाचार मिला। भाजपा सरकार की नाकामी का इससे बड़ा कोई और हलफ़नामा चाहिए क्या। भाजपा को सिर्फ़ सत्ता की राजनीति से मतलब है, जनता के दुख-दर्द, बेरोज़गारी या महंगाई से नहीं। भाजपा राज में हताश जनता से विनम्र आग्रह है कि ऐसा कोई भी क़दम न उठाएं क्योंकि आत्महत्या कोई समाधान नहीं है, समाधान है भाजपा सरकार का बदलना।”
नौकरी छूटने और फिर न लग पाने के दबाव में पति की आत्महत्या की सूचना मिलने पर पत्नी द्वारा भी आत्महत्या करने का दुःखद समाचार मिला।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 7, 2024
भाजपा सरकार की नाकामी का इससे बड़ा कोई और हलफ़नामा चाहिए क्या। भाजपा को सिर्फ़ सत्ता की राजनीति से मतलब है, जनता के दुख-दर्द, बेरोज़गारी या महंगाई से… pic.twitter.com/YIWtIAPdvI
इसी तरह के दावे कई सोशल मीडिया यूजर्स और विपक्ष समर्थक ‘पत्रकारों ने भी किए, जिनमें रणविजय सिंह भी शामिल हैं। रणविजय सिंह ने लिखा, ”ये संचिता और हरीश हैं। इनकी शादी 2 साल पहले हुई थी। हरीश ने एमबीए किया था, फिर उसकी नौकरी चली गई। काफी तलाश करने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली। अब खबर है- बेरोजगारी से तंग आकर हरीश ने बनारस में आत्महत्या कर ली। यह खबर सुनकर पत्नी संचिता ने गोरखपुर स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली। साल 2022 में देश में 15,783 लोगों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की।”
ये संचिता और हरीश हैं
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 7, 2024
2 साल पहले इनकी शादी हुई. हरीश ने MBA किया था, फिर नौकरी छूट गई. बहुत खोजने पर भी काम न मिला.
अब खबर है- हरीश ने बेरोजगारी से तंग आकर बनारस में आत्महत्या कर ली.
ये खबर जानकर पत्नी संचिता ने अपने घर गोरखपुर में आत्महत्या कर ली.
साल 2022 में देश में 15,783… pic.twitter.com/H5BxMrX0iV
संचिता शरण के पिता ने नकारे दावे
सोमवार 8 जुलाई को मीडिया से बात करते हुए संचिता शरण के पिता डॉ. राम शरण ने अखिलेश यादव के दावों का खंडन कर दिया। उन्होंने कहा कि सपा नेता दंपत्ति की आत्महत्या पर राजनीति कर रहे हैं। शरण ने कहा कि हरीश मुंबई में नौकरी करते थे और उनकी सैलरी करीब ₹1 लाख/महीना थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं हरीश को गोरखपुर वापस बुलाया था, क्योंकि राम शरण और उनकी पत्नी (संचिता के माता-पिता) यहाँ अकेले थे और उनका बेटा इंग्लैंड में रहते हैं।
उन्होंने मीडिया से कहा, “यह अखिलेश यादव की राजनीति है। इस घटना का बेरोजगारी से कोई लेना-देना नहीं है। हरीश मुंबई में नौकरी करता था और उसकी सैलरी ₹1 लाख/महीना से अधिक थी। मैं उसे यहाँ वापस लाया, क्योंकि यहाँ दो बुजुर्ग लोग अकेले थे। मेरा बेटा यूके में रहता है। इसलिए मैंने हरीश को यहाँ आकर काम करने के लिए कहा। इसलिए अखिलेश यादव का दावा एकदम निराधार है।”
हरीश की कथित आत्महत्या से पहले की घटनाओं के बारे में बात करते हुए राम शरण ने बताया कि हरीश बागेश ने शुक्रवार (5 जुलाई, 2024) को संचिता को बताया था कि वह पटना जा रहा है। संचिता ने उसे रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि दंपति ने आखिरी बार शनिवार शाम को बात की थी। रविवार सुबह पुलिस को परिवार से पता चला कि हरीश वाराणसी के सारनाथ के अटल नगर कॉलोनी में एक होटल के कमरे में लटका हुआ पाया गया।
आगे उन्होंने बताया कि जब संचिता को हरीश के आत्महत्या करने की सूचना मिली, तो उन्होंने फोन लगाया। डॉ शरण ने पुलिस को बताया कि जब वह वाराणसी जा रहे थे तब संचिता ने अपने पिता से बताया कि वह बागेश के बिना नहीं रह सकती और इमारत की दूसरी मंजिल से कूद गई। एसपी सिटी (शहर) केके विश्नोई ने सोमवार को कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि मामले में आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि हरीश ने बेरोजगारी से हताश होकर आत्महत्या की है। इन रिपोर्ट्स में बताया गया था कि मृतक दंपति मुंबई से लौटने के बाद नई नौकरी नहीं पा सके थे। बताया गया था कि जहाँ हरीश HDFC बैंक में काम करते थे, जबकि संचिता पिछले बारह सालों से यहीं रहती थी। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि संचिता के परिवार को दोनों के शादी करने से कोई समस्या नहीं थी लेकिन हरीश के पिता इससे खुश नहीं थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि हरीश किसी कारण से डिप्रेशन में चले गए थे और नशे के आदी हो गए थे। यह भी बताया गया कि संचिता भी बीमार थी और कथित तौर पर उसे नशे की लत लग गई थी। इस कारण से उनके जीवन में आर्थिक तंगी के अलावा आपसी तनाव भी बढ़ गया था। पुलिस को उनके कमरे से नशीला पदार्थ , सिगरेट, एक लाइटर, एक मोबाइल, एक पर्स और फांसी लगाने के लिए इस्तेमाल की गई रस्सी मिली थी।
हरीश और संचिता की शादी 2022 में हुई थी। बताया गया कि दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और 11वीं में पढ़ते समय ही दोनों में प्यार हो गया था। जहाँ एक ओर इस मामले में जाँच जारी है, वहीं आत्महत्या के लिए बेरोजगारी को ढाल बनाते हुए अखिलेश यादव इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे हैं। जहाँ उन्हें इस शोक की घड़ी में परिवार प्रति संवेदना प्रकट करनी चाहिए थी, वहीं वह इस मामले से अपना राजनीतिक एजेंडा साधने में जुट गए।