राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (13 सितंबर 2024) की सुबह खडूर साहिब से खालिस्तान समर्थक निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह के रिश्तेदरों के घरों में रेड डाली। यह रेड अमृतसर, गुरुदासपुर, मोंगा, जालंधर सहित पंजाब 14 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। अमृतपाल अलगाववादी खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दी’ का सुप्रीमो भी है और फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है।
NIA की टीम अमृतसर के रईया में फेरोमन रोड पर स्थित अमृतपाल सिंह के चाचा प्रगट सिंह के घर भी पहुँची। टीम ने प्रगट सिंह की पत्नी को हिरासत में लिया है। उन्हें ब्यास थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। प्रगट सिंह के चाचा फर्नीचर का काम करते हैं। दूसरी रेड अमृतसर में सठियाला के पास बुटाला गाँव में अमृतपाल के जीजा के घर हुई।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके जीजा के जीजा के घर में दबिश दी गई। मोगा में हल्का बाघापुराना के कस्बा स्मालसर में कविश्री मक्खन सिंह मुसाफिर के घर भी सुबह 6 बजे NIA की टीम पहुँची और छानबीन की। इसके अलावा, पंजाब के गुरदासपुर के हरगोबिंदपुरा में छापेमारी के दौरान टीम ने कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान को कब्जे में लिया है।
NIA ने ये रेड कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के भारतीय उच्चायोग पर 23 मार्च 2023 को किए गए हमले को लेकर की। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद कनाडा, अमेरिका और UK के भारतीय उच्चायोगों के बाहर खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया था। कनाडा में दूतावास के बाहर तिरंगे का अपमान और तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद जून महीने में NIA ने FIR दर्ज कर जाँच शुरू की थी।
बता दें कि अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनावों में जेल में रहते हुए पंजाब के खंडूर साहिब सीट से निर्दलीय जीत हासिल की है। जीतने के बाद उसे भारी सुरक्षा के बीच सांसद के रूप में शपथ ली थी। अमृतपाल सिंह को लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पैरोल दी थी। इसके बाद उसे फिर से असम के डिब्रूगगढ़ जेल में भेज गया है।
अमृतपाल के खिलाफ पंजाब के अलग-अलग थानों में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। असम के डिब्रूगढ़ में भी उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज है। दरअसल, डिब्रूगढ़ जेल स्थित उसके सेल से कुछ आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुए थे। इसके बाद असम में उसके खिलाफ यह आपराधिक मामला दर्ज हुआ था।
अमृतपाल के खिलाफ दर्ज मामलों में 19 मार्च 2023 को पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर किया गया हमला भी शामिल है। थाने पर उसके समर्थकों ने अवैध हथियार लेकर गैर-कानूनी ढंग से घुसकर हमला किया था। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। अमृतपाल और उसके साथियों पर धार्मिक भावनाएँ भड़काने, पुलिसकर्मियों पर हमला, धमकाने, भड़काऊ बयान देने आदि से संबंधित मामले हैं।