नीचे पोस्टर का स्क्रीनशॉट लगा है। देख सकते हैं कि तस्वीर AI द्वारा निर्मित है और हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर से सचेत करने के लिए संतरे दिखाए गए हैं। फोटो देखने के बाद अब हर कोई इस विज्ञापन की आलोचना कर रहा है।
लोगों का कहना है कि आखिर कैसे कोई ब्रेस्ट कैंसर पर जागरूकता फैलाने के नाम पर ऐसी अभद्रता कर सकता है। ये भी पूछा जा रहा है कि अगर पोस्टर ब्रेस्ट कैंसर पर था तो संतरे दिखाने की जरूरत क्या थी। क्या स्तन को स्तन कह सकें हमारा समाज इतना भी नहीं सहज है। दिल्ली मेट्रो से सवाल हो रहा है कि किस मानसिक रोगी ने ऐसे विज्ञापन लगाए और किसने इसे लगाने की अनमुति दी? ब्रेस्ट कैंसर घातक है जिसने 2022 में 670000 महिलाओं की जान लेली और ये लोग मजाक बनाने पर लगे हैं।
Shame on @OfficialDMRC.
— Sujata Pandey 🇮🇳 (@sujatapandeyb) October 23, 2024
Which Psycho- sexist- sicko designed this ad and then which “metro official” approved it ? Your marketing head should be sacked for this cheap thrill sexist ad approval ! The creative agency must be named and shamed too !
Breast cancer is deadly, it… pic.twitter.com/ZxfnzyqVau
एक यूजर ने इस विज्ञापन को लेकर दिखाई गई असंवेदनशीलता पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वो इस तरह ब्रेस्ट कैंसर के मुद्दे को सेक्सुलाइज करने के खिलाफ हैं। उनकी माँ का इस बीमारी से देहांत हुआ ता और वह जानते हैं कि ये कितना गंभीर मामला है।
I hv a problem with this ad at Delhi Metro. My own loving dear mother died of Breast Cancer, which was Stage 4 at diagnosis. The irony was her son(me) ws a Breast Surgeon at that time, & out of modesty, she did not even tell her own son, when it ws a small lump, that ws… pic.twitter.com/U32P2euu6Z
— Dr Jaison Philip. M.S., MCh (@Jasonphilip8) October 22, 2024
इतनी आलोचनाओं के बाद दिल्ली मेट्रो ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वो लोग विज्ञापन देने वाले के साथ संपर्क में हैं। ऐसे विज्ञापन मेट्रो परिसर से हटवाने के लिए एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि जिस विज्ञापन को लेकर विवाद हुआ है वो विज्ञापन येलो लाइन की सिर्फ एक ट्रेन पर लगा था जिसे अब हटवा दिया गया है।
वहीं यूवीकैन फाउंडेशन की ट्रस्टी पूनम नंदा का कहना है कि हमने 300000 महिलाओं को इसे लेकर शिक्षित किया है। अगर संतरा के इस्तेमाल से लोगों के स्वास्थ्य पर बात हो सकती है तो इसका इस्तेमाल एकदम सही है। भारत में ब्रेस्ट के बारे में बात करना संवेदनशील हो सकता है। इसलिए ऐसे विजुअल बनाए जाते हैं कि बात भी रखी जा सके और लोगों को आपत्ति भी न हो।