छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण से जुड़े विवाद का केंद्र रायपुर के पास के गाँव बने हुए हैं, जहाँ ईसाई मत का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से हो रहा है। लेकिन ये प्रचार लोगों को भ्रमित करके किया जा रहा है। यहाँ जिन गाड़ियों से ईसाईयत का प्रचार हो रहा है, उन गाड़ियों पर भगवा ध्वज लगाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद स्थानीय युवाओं ने जमकर हंगामा किया। इस पूरे विवाद के केंद्र में वनवासी इलाके हैं, जहाँ लोगों को छल से ईसाईयत में बदला जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रायपुर के पथरी गाँव में ईसाईयत का प्रचार करने वाले लोग भगवा झंडा लगे ऑटो में सवार होकर पहुँचे और पर्चे बाँटने लगे। लोगों के घरों में यीशू से जुड़ी सामग्री बाँटी गई, जिसके सामने आते ही स्थानीय युवक और बजरंग दल के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए। उन्होंने मिशनरियों का जोरदार विरोध किया, जिसके बाद मिशनरी भाग खड़े हुए। इस मामले में राष्ट्रीय बजरंग दल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है।
जानकारी के मुताबिक, ये घटना कुछ दिन पहले की है, जब दो-तीन लोग ऑटो में सवार होकर पथरी गाँव पहुँचे। उनके ऑटो पर भगवा झंगा लहरा रहा था, जिसकी वजह से लोगों ने विरोध नहीं किया। इस मिशनरियों ने घरों में जाकर ईसा मसीह की महिमा का प्रचार किया और पर्चे बाँटे। गाँव के युवाओं के विरोध की भनक लगते ही मिशनरी फरार हो गए।
इस बीच, छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार एक कानून लाने की योजना बना रही है, जिसमें जबरन, प्रलोभन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान होगा। कानून के तहत, धर्म परिवर्तन के लिए पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होगा, ताकि जाँच हो सके कि यह स्वेच्छा से हुआ है या नहीं। ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषियों को दंडित किया जाएगा।
तिल्दा में ईसाइयों के कार्यक्रम का विरोध
इस बीच, 1 नवंबर को तिल्दा स्थित हेवरोन नगर सासाहोली में द इंडियन पेंटेकोस्टल चर्च ऑफ गॉड 18 कन्वेंशन के माध्यम से पादरियों द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी सामने आई है, जिसका राष्ट्रीय बजरंग दल ने विरोध किया है। राष्ट्रीय बजरंग दल ने कहा कि अगर कार्यक्रम को रोका नहीं गया, तो संगठन इस मतांतरण कार्यक्रम को बंद कराएगा और इसका आयोजन नहीं होने दिया जाएगा।