छोटा वलीद उर्फ अबू उस्मान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिविजनल कमांडर था। मूल रूप से पाकिस्तान के रहने वाले इस आतंकवादी की करीब 20 साल से सुरक्षा बलों की तलाश थी। आखिरकार 2 नवंबर 2024 को जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में उसे एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। उसके 2 साथी फरार हो गए थे जिनकी तलाश जारी है।
इस एनकाउंटर से पहले सुरक्षा बलों को श्रीनगर के खानयार इलाके में आतंकियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी। इस सूचना पर CRPF की VQAT (वैली क्विक एक्शन टीम) और जम्मू कश्मीर पुलिस की SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया। इसी दौरान एक घर की तरफ बढ़ते जवानों पर अचानक ही फायरिंग शुरू हो गई।
खुद से बचाते हुए जवानों ने पोजीशन ली और जवाबी कार्रवाई शुरू की। घर में छिपे आतंकियों को पहले सरेंडर का मौका दिया गया। जब उन्होंने प्रस्ताव ठुकराते हुए गोलीबारी जारी रखी तो सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसी दौरान एक ग्रेनेड विस्फोट में उस घर में आग लग गई जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। इसके बाद सुरक्षा बलों जवाबी कार्रवाई जारी रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि आग से पड़ोस के घरों को कोई नुकसान न हो।
करीब 9 घंटों तक चली मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर हो गया, जबकि 2 अन्य भाग गए। मारे गए आतंकी की पहचान अबू उस्मान उर्फ छोटा वलीद के तौर पर की गई।
20 वर्षों से थी अबू उस्मान उर्फ छोटा वलीद की तलाश
आतंकी अबू उस्मान उर्फ छोटा वलीद मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला था। वह पाकिस्तानी आतंकी संगठन TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) के कमांडर सज्जाद गुल का बेहद करीबी था। सुरक्षा बलों को उसकी पिछले 20 वर्षों से तलाश थी। वह 2000 के दशक से ही कश्मीर में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल था। साल 2016-17 में कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर मशरूर वानी की गोली मार कर हुई हत्या में भी वह शामिल था।
छोटा वलीद को मार गिराना सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। द रेसिस्टेंस फ्रंट कश्मीर में पिछले कुछ समय से हिन्दुओं और गैर कश्मीरियों को निशाना बना रहा है। इनमें वे मजदूर भी शामिल हैं जो अन्य प्रांतों से रोटी-रोटी कमाने जम्मू-कश्मीर आए हुए हैं।
कुत्तों को खामोश रखने के लिए खिलाए बिस्कुट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छोटा वलीद को मार गिराने के लिए चले लगभग 9 घंटे के अभियान में न सिर्फ आम नागरिकों की सुरक्षा बल्कि कुत्तों के भौंकने का भी ध्यान रखा गया। कुत्तों के भौंकने से अक्सर छिपे आतंकी सतर्क हो जाते हैं और उनको भाग निकलने का मौका मिल जाता है। इसलिए जवानों ने घर के आसपास मौजूद कुत्तों को बिस्कुट खिलाए जिस से वो भौंकने के बजाय खाने में व्यस्त हो गए। ये बिस्किट जवान ऑपरेशन पर निकलने के दौरान अन्य साजो-सामान की तरह अपने साथ ले गए थे।
ऑपइंडिया के पास इस घटना से जुड़े कई फोटो और वीडियो मौजूद हैं। इन वीडियो में आतंकियों की टोह लेने के लिए जवानों को ड्रोन का इस्तेमाल करते देखा जा सकता है। एक अन्य विजुअल में घर में लगी आग, जबकि दूसरे में आतंकी की लाश चादर में समेट कर निकलते जवान देखे जा सकते हैं। जिस घर में यह ऑपरेशन चला वह घनी आबादी के बीच था, इसलिए आतंकी को ढेर करने में सुरक्षा बलों को अधिक समय लगा।