Sunday, May 5, 2024
Homeदेश-समाजJ&K: एक दशक से लटका था हाइवे का काम, 72 साल पुराना गुरुद्वारा हटाने...

J&K: एक दशक से लटका था हाइवे का काम, 72 साल पुराना गुरुद्वारा हटाने को सिख राजी

जब तक नई जगह पर गुरुद्वारा बन नहीं जाता, तब तक यह एक अस्थायी जगह में रहेगा। पीडब्ल्यूडी को सिख समुदाय द्वारा दिए किए गए डिजाइन के अनुसार गुरुद्वारा निर्माण का काम सौंपा गया है।

जम्मू-कश्मीर में विकास हेतु श्रीनगर-बारामुला रोड पर बनने वाले राजमार्ग पर कल मुहर लग गई। गुरुवार (दिसंबर 13, 2019) को कश्मीर में सिख समुदाय के लोगों ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए 72 साल पुराने गुरुद्वारे को गिराकर राजमार्ग बनाने की अनुमति जिला प्रशासन अधिकारियों को दे दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1947 में बना गुरुद्वारा दमादम साहिब श्रीनगर-बारामूला रोड पर था। इसे अब दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। धार्मिक स्थल को शिफ्ट करने को लेकर कई जगहों पर प्रशासन और समुदाय विशेष के लोगों के बीच तनातनी की घटनाएँ सामने आ चुकी है। ऐसे में कश्मीर के सिख समुदाय और गुरुद्वारा प्रशासन का यह कदम नजीर की तरह है।

जानकारी के मुताबिक इस राजमार्ग का निर्माण एक दशक से लटका हुआ था। लेकिन अब, सिख समुदाय और श्रीनगर जिला प्रशासन के बीच हुए एक समझौते के बाद इस पुराने गुरुद्वारे को नेशनल हाइवे के लिए तोड़ा जाएगा। पास की एक ऑप्शनल जगह पर गुरुद्वारे का निर्माण होगा।

श्रीनगर-बारामूला रोड पर स्थित ये गुरुद्वारा पाकिस्तान से आए परिवारों की सेवा के लिए जाना जाता है। यहाँ लंगर के अलावा सामाजिक सेवा कार्य होते हैं। बाढ़ पीड़ितों और भूकंप पीड़ितों को शरण देना इसमें शामिल है।

राजमार्ग का रुका काम पूरा कराने के लिए कुछ समय पहले श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने व्यक्तिगत रूप से चर्चा में हस्तक्षेप किया। उन्होंने इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए सिख समुदाय से संपर्क किया। जिसके बाद ये फैसला निकलकर सामने आया।

सिख समुदाय के इस फैसले पर शाहिद चौधरी ने कहा, “यह ऐतिहासिक है। श्रीनगर में नेशनल हाइवे के लिए गुरुद्वारा कमिटी ने सहमति दे दी। हमारी बातचीत हो रही थी। वैकल्पिक जमीन और सहयोग के लिए हमारा ऑफर उन्होंने स्वीकार कर लिया। संगत को धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द नहीं है।”

वहीं, फैसले के बाद एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को उपायुक्त और गुरुद्वारा प्रबंधन की मौजूदगी में गुरुद्वारा दमदमा साहिब को तोड़ने का काम शुरू हुआ। जब तक नई जगह पर गुरुद्वारा बन नहीं जाता, तब तक यह एक अस्थायी जगह में रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सिख समुदाय द्वारा दिए किए गए डिजाइन के अनुसार गुरुद्वारा के निर्माण का काम सौंपा गया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नसीरुद्दीन शाह की बीवी ने ‘चिड़िया की आँख’ वाली कथा का बनाया मजाक: हरिद्वार से लेकर मणिपुर और द्वारका तक घूमे थे अर्जुन, फिर...

अर्जुन ने वन, पर्वत और सागर से लेकर एक से एक रमणीय स्थल देखे। हरिद्वार में उलूपी, मणिपुर में चित्रांगदा और द्वारका में सुभद्रा से विवाह किया। श्रीकृष्ण के सबसे प्रिय सखा रहे, गुरु द्रोण के सबसे प्रिय शिष्य रहे। लेकिन, नसीरुद्दीन शाह की बीवी को लगता है कि अर्जुन के जीवन में 'चिड़िया की आँख' के अलावा और कुछ नहीं था।

रामलला का दर्शन करने पर कॉन्ग्रेस में महिला प्रवक्ता से बदतमीजी, ‘गेट आउट’ कह निकाला था: इस्तीफा देकर बोलीं राधिका खेड़ा – जिस पार्टी...

राधिका ने अब बताया है कि अयोध्या में दर्शन करने की वजह से कॉन्ग्रेस पार्टी में उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -