कुम्भ: आस्था और विश्वास का अनूठा संगम है। कुम्भ का शाब्दिक अर्थ है कलश। कहते हैं कि समुद्र मन्थन से प्राप्त अमृत कलश, जब जयन्त प्रयाग से लेकर गुज़र रहा था तो इस पावन संगम पर अमृत की कुछ बूँदें छलक पड़ी थी। तब से ही ये धरा अति पावन है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि कुम्भ के समय पवित्र नदी में स्नान, मात्र तीन डुबकी लगाने से ही सभी तरह के पाप धूल जाते हैं और मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है।
विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन कुम्भ 15 जनवरी 2019 (मकर संक्रान्ति) से शुरू होकर 4 मार्च 2019 (महाशिवरात्रि) तक चलेगा।
इस मेले में दुनिया भर से तकरीबन पन्द्रह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। 32 हेक्टेयर और 20 सेक्टरों में बसाया जा रहा मेला क्षेत्र चारों दिशाओं से खुला है।
जहाँ करोड़ों लोगों का जमावड़ा हो वहाँ सुरक्षा सर्वोपरी हो जाती है। संगमनगरी प्रयागराज में लगने जा रहे कुम्भ मेले में इस बार सुरक्षा के बेहद सख़्त इन्तज़ाम किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही केंद्र व यूपी सरकार मिलकर सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। कुम्भ मेले की सुरक्षा की कमान अब एटीएस के हाथों में सौंप दी गई है। पुलिस और पैरामिलिट्री फ़ोर्स के साथ एटीएस के कमांडोज़ भी मेले की निगहबानी के लिए तैनात कर दिए गए हैं।
कुम्भ मेले में एटीएस स्पेशल ऑपरेशन की 50-50 कमांडो की दो टीमों को तैनात कर दिया गया है। कुम्भ मेले के दौरान एटीएस के लिए लॉन्च पैड बनाये गए हैं और पूरे मेला क्षेत्र पर एटीएस की सख़्त नजर है। मेले में स्नान पर्वों की भीड़ में एटीएस कमांडो मोटर बाइक से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकें, इसके व्यापक इन्तज़ाम किए गए हैं।
एटीएस के ब्लैक कैट कमांडो कई अत्याधुनिक हथियारों से भी लैस किए गए हैं। एक यूनिट में 54 कमांडो रखे जाएंगे। एटीएस कमांडो एमपी-फाइव, एके-47, स्नाइपर और ग्लॉक-17 पिस्टल से लैस रहेंगे। इसके साथ ही हैण्ड ग्रेनेड और स्टन ग्रेनेड जैसे हथियारों के साथ एटीएस कमांडों किसी भी आतंकी मंसूबों का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
एटीएस की टीम ने कुम्भ के आयोजन से एक महीने पहले ही मेले में न सिर्फ डेरा जमा लिया है, बल्कि जगह-जगह मॉक ड्रिल कर अपनी तैयारियों का रिहर्सल भी कर रही है।
अफ़सरों के मुताबिक़, धार्मिक आयोजन व ज़्यादा भीड़ एकत्रित होने की वजह से कुम्भ का आयोजन बेहद संवेदनशील है। पिछले दिनों पकड़े गए कुछ आतंकियों से भी इस तरह के इनपुट मिले हैं। इसलिए, कुम्भ में काफी पहले से ही एटीएस की टीम भेज दी गई है।
आईजी यूपी एटीएस असीम अरुण के मुताबिक यूपी एटीएस ने पूर्व में आतंकियों के जो मॉड्यूल तोड़े थे, उनसे पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ कि आतंकी बड़े धार्मिक आयोजनों पर हमले की योजना बना रहे हैं। जिसके बाद यूपी एटीएस ने कुम्भ मेले में एनएसजी, यूपी पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है।
उनके मुताबिक़ मेले के दौरान एटीएस की टीमें दो स्तरों पर काम कर रही है। पहला ये कि इंटेलिजेंस एजेंसियों की मदद से इनपुट मिलने पर किसी भी आतंकी मन्सूबे को पहले ही रोका जा सके। इसके अलावा किसी तरह का आतंकी हमला होने की सूरत में प्रशिक्षित एटीएस कमांडो क्विक एक्शन के जरिए ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हर वक्त तैयार रहेंगे। इसके साथ ही कुम्भ मेला क्षेत्र में तैनात रहने वाली यूपी पुलिस को भी एटीएस ने प्रशिक्षण देकर किसी भी चुनौती से निबटने के लिए तैयार कर दिया है।
कुम्भ 2019 : देखिए कैसी हैं तैयारियाँ? कितने चाकचौबंद हैं सुरक्षा के इन्तज़ाम