निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को 22 जनवरी को फाँसी नहीं होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के एक अन्य दोषी मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषियों की फाँसी पर आज स्टे लगा दिया । मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने गुरुवार (जनवरी 16, 2020) को कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फाँसी नहीं दी जा सकती है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर ये भी मान लें कि कल परसों में ही राष्ट्रपति दोषियों की दया याचिका को खारिज भी कर देते हैं, तब भी हमको उसके बाद भी 14 दिन का वक़्त देना पड़ेगा ही, इसका मतलब तो यही है कि 22 जनवरी को कानूनन तौर पर फाँसी हो ही नहीं सकती। कोर्ट के मुताबिक दया याचिका लंबित होने के कारण डेथ वॉरंट पर स्वतः ही रोक लग गई है। कोर्ट ने कहा कि नई तारीख क्या होगी, ये जेल अथॉरिटीज के जवाब से तय होगा।
The Delhi government today rejected the mercy plea of 2012 Delhi gang-rape case convict Mukesh Singh. https://t.co/jZlD0mHlvf
— ANI (@ANI) January 16, 2020
बता दें निर्भया मामले में फाँसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से राहत नहीं मिलने के बाद बुधवार शाम को पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ-वारंट पर रोक लगाने की माँग करते हुए याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने आज इसपर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि वे फिलहाल निर्भया के गुनहगारों की फाँसी की तारीख नहीं बढ़ा रहे हैं। लेकिन उन्होंने इस मामले में जेल प्रशासन से रिपोर्ट माँगी है। कोर्ट ने बताया है कि जेल प्रशासन ने इस मामले में उनको पूरी जानकारी नहीं दी है। जेल प्रशासन को कोर्ट के सामने पूरी जानकारी रखनी चाहिए थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने जेल अधिकारियों से निर्भया रेप मामले के दोषी अक्षय, विनय और पवन से जुड़े सारे कागजात और रिपोर्ट सौंपने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जेल अथॉरिटी एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करे। अब कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को दोबारा सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने बुधवार को अदालत में कहा था कि दोषियों को 22 जनवरी को फाँसी नहीं दी जा सकती क्योंकि दया याचिका दायर की गई है। हालाँकि, दिल्ली सरकार के वकील ने इस दौरान ये भी कहा था कि दोषी मुकेश द्वारा दायर की गई क्षमा याचिका असामयिक है। बुधवार (जनवरी 15, 2020) को आरोपितों की क्षमा याचिका को उपराज्यपाल कार्यालय भेजा गया था। जिसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी। अब मुकेश की याचिका गृह मंत्रालय के पास भेजी जाएगी और नियमों के तहत वहाँ से उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। मुकेश की दया याचिका पर अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ही अंतिम फैसला लेंगे।