Thursday, May 2, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयप्रताड़ना से तंग आकर सिख नेता ने छोड़ा पाकिस्तान, चुनाव लड़ा तो बेटे की...

प्रताड़ना से तंग आकर सिख नेता ने छोड़ा पाकिस्तान, चुनाव लड़ा तो बेटे की हुई थी पिटाई

राधेश ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले को लेकर भी दुःख जताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में नफरत का माहौल इतना बढ़ गया कि उन्हें अपने परिवार को लेकर मुल्क़ से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि लाहौर में उनके बच्चों का स्कूल में दाखिला तक नहीं हो पाया।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति ये है कि आम आदमी तो दूर, नेताओं तक का वहाँ रहना मुश्किल हो गया है। पाकिस्तान के जाने-माने सिख नेता राधेश सिंह उर्फ़ टोनी भाई ने मुल्क़ छोड़ने का निर्णय लिया है। राधेश सिंह को लगातार धमकियाँ मिल रही थीं। ये सिलसिला तभी शुरू हो गया था, जब उन्होंने 2019 आम चुनाव में बतौर उम्मीदवार हिस्सा लिया था। वो पेशवर के रहने वाले हैं और उन्होंने वहीं से चुनाव लड़ा था। बाद में धमकियों से तंग आकर उन्होंने लाहौर का रुख किया।

अब उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया है। सिंह ने कहा कि अपने परिवार और बच्चों की जान बचाने के लिए उन्होंने ये फ़ैसला किया है। राधेश सिंह ने कहा कि उन्हें ये बताते हुए दुःख हो रहा है लेकिन ये ज़रूरी था। वो फ़िलहाल किसी अज्ञात स्थान पर रह रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कट्टरपंथी ताक़तें उनका पीछा इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगी। बीबीसी उर्दू से बातचीत करते हुए राधेश सिंह ने कहा:

“अगर बात सिर्फ़ मेरी जान की होती तो मैं किसी भी सूरत में पाकिस्तान नहीं छोड़ता। लेकिन, ये मेरे परिवार और मुझसे जुड़े लोगों की ज़िंदगी का भी सवाल था। इस स्थिति में मेरे पास मातृभूमि छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मैं ये नहीं बता सकता कि मैं फ़िलहाल कहाँ रह रहा हूँ। लेकिन हाँ, उचित समय आने पर मैं ज़रूर इसका खुलासा करूँगा।”

दरअसल, राधेश के साथ दिसंबर 2019 में एक घटना हुई थी, जब वो अपने बेटे के साथ बाइक से जा रहे थे। रास्ते में पिस्तौल और डंडों से लैस 4 मुस्टंडों ने उन्हें रोका और धमकियाँ दीं। उन्होंने लाहौर पुलिस से अपने व परिवार की सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी। बकौल सिंह, बदमाशों ने उनके जवान बेटे को पकड़ कर उसे ख़ूब मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस में शिकायत किए जाने के बाद उन्हें ख़ुफ़िया एजेंसियाँ भी कॉल कर के धमकियाँ देने लगीं। उनसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाने लगा।

राधेश ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले को लेकर भी दुःख जताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में नफरत का माहौल इतना बढ़ गया कि उन्हें अपने परिवार को लेकर मुल्क़ से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि लाहौर में उनके बच्चों का स्कूल में दाखिला तक नहीं हो पाया। जब वो घर खोजने निकले, तो मुस्लिमों व ईसाईयों ने उन्हें घर देने से मना कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिख होने की वजह से उनके व उनके बच्चों को कोई नौकरी तक नहीं मिल पाती थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

TV पर प्रोपेगेंडा लेकर बैठे थे राजदीप सरदेसाई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने निकाल दी हवा: कहा- ये आपकी कल्पना, विपक्ष की मदद की...

राजदीप सरदेसाई बिना फैक्ट्स जाने सिर्फ विपक्ष के सवालों को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछे जा रहे थे। ऐसे में पूर्व सीईसी ने उनकी सारी बात सुनी और ऑऩ टीवी उन्हें लताड़ा।

बृजभूषण शरण सिंह का टिकट BJP ने काटा, कैसरगंज से बेटे करण भूषण लड़ेगे: रायबरेली के मैदान में दिनेश प्रताप सिंह को उतारा

भाजपा ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया। उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -