एक ओर जहाँ चुनावी रैलियों में कॉन्ग्रेस पार्टी दलितों की एकमात्र हितैषी होने का दावा करती है, वहीं पार्टी के भीतर उनकी दलित विरोधी मानसिकता को कर्नाटक के डेप्युटी CM, जो कि कॉन्ग्रेस के ही नेता हैं, ने सबके सामने रख दिया है। कर्नाटक की जेडीएस-कॉन्ग्रेस गठबंधन की सरकार में डेप्युटी CM और कॉन्ग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने खुद के दलित होने की वजह से मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का आरोप लगाया है। परमेश्वर ने कहा कि जाति की वजह से उन्हें 3 बार मुख्यमंत्री का पद देने से इनकार कर दिया गया।
K’taka Dy CM,G Parameshwara at an event in Davangere y’day alleged he was thrice denied CM post as he belonged to Dalit community,said, “PK Basavalingappa & KH Ranganath missed the CM post.Mallikarjun Kharge also couldn’t become CM. I missed it thrice. Somehow, I was made Dy CM.” pic.twitter.com/7g0AcKsde4
— ANI (@ANI) February 25, 2019
कर्नाटक के दावणगेरे में दलित समुदाय के अधिकारों से जुड़ी चलावड़ी रैली में भाग लेने आए उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “मुझे दलित होने की वजह से दबाया गया। दलित होने की वजह से ही मुझे 3 बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुँचने दिया गया। मैंने मजबूरी में डेप्युटी सीएम की कुर्सी से संतोष किया, जिसके लिए मैं जरा भी इच्छुक नहीं था।”
जी. परमेश्वर ने कॉन्ग्रेस पार्टी पर अन्य दलित नेताओं को भी मौका नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस ने बी. बासवलिंगप्पा, के.एच. रंगनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे को भी प्रदेश के सीएम की कुर्सी तक पहुँचने नहीं दिया। यह सभी लोग मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन जाति की वजह से मात खा गए और दलित उत्पीड़न का शिकार हो गए।”
हालाँकि कॉन्ग्रेस ने परमेश्वर के आरोपों को मानने से मना कर दिया है। पूर्व सीएम और सीनियर कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि परमेश्वर ने यह बयान क्यों और किस संदर्भ में दिया है। कॉन्ग्रेस पार्टी ही दलित तथा समाज के अन्य कमजोर तबकों का ख्याल रखती है।”