जम्मू-कश्मीर के अलागवावादी नेताओं पर भारतीय जाँच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने घाटी के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत ₹14.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा ईडी ने 10 हजार डॉलर (करीब ₹7 लाख) जब्त किए हैं। यह रकम साल 2002 में गिलानी के श्रीनगर स्थित आवास पर आयकर विभाग द्वारा छापे के दौरान पकड़ी गई थी।
ED Sources: Enforcement Directorate will also impose a penalty and confiscate the illegal acquisition of foreign exchange recovered from Yasin Malik, former Chairman of JKLF. The adjudication proceedings against Yasin Malik are in progress https://t.co/LYnNQNmiMf
— ANI (@ANI) March 22, 2019
केंद्रीय जाँच एजेंसी ने 87 वर्षीय अलगाववादी आतंकवादी गिलानी को FEMA के अलग-अलग प्रावधानों के तहत नोटिस भेजा था। यही नहीं, JKLF के पूर्व चेयरमैन यासीन मलिक के पास से मिली अवैध विदेशी मुद्रा को जब्त करने के साथ ही ED उस पर जुर्माना भी लगाएगा। मलिक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई जारी है। बता दें कि NIA और अन्य एजेंसियाँ घाटी में टेरर फंडिंग की जाँच कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस दौरान अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की है।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगावादी नेताओं के खिलाफ भारत सरकार ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। सरकार ने अलगाववादी नेताओं को दी गई सुरक्षा भी वापस ले ली है। हुर्रियत नेता घाटीमें रहने वाले पाकिस्तान समर्थक हैं, जो कश्मीर घाटी में अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के साथ-साथ सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने के लिए युवाओं को पैसे देते हैं और उकसाते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में कार्रवाई करते हुए कुछ समय पहले मीर वाइज उमर फारूक के घर से हॉट लाइन बरामद की थी। बताया जाता है कि मीर वाइज इस हॉट लाइन का इस्तेमाल पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत करने के लिए करता था।