केंद्र सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख को 520 करोड़ के विशेष पैकेज की मंजूरी दी है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वयं दी।
उन्होंने बताया, “दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पूरे देश भर में बहुत मशहूर योजना है। मगर, कुछ तकनीकी कारणों से जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बहुत कम महिलाएँ ऐसी थीं जिन्हें चिह्नित किया गया और जो योग्य थीं। इसलिए अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए क्राइटेरिया बदल दिया गया है। इसमें गाँवों के दो तिहाई परिवार कवर कर लिए गए हैं और 10,58,000 महिलाएँ को 520 करोड़ रुपए के पैकेज के साथ इसका फायदा मिलेगा।”
#Cabinet approves special package worth Rs. 520 crore for UT of #JammuandKashmir and #Ladakh under the Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission#CabinetDecision pic.twitter.com/y2LPd456Lg
— PIB India (@PIB_India) October 14, 2020
यहाँ बता दें कि दीनदयाल अंत्योदय योजना दरअसल, देश के गरीब नागरिकों के लिए है। इसके लाभार्थियों में शहरी और गाँव दोनों के ही गरीब शामिल किए गए हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से शहरों और गाँवों के गरीब लोगों की गरीबी दूर करने पर आधारित है। यह भी प्रधानमंत्री रोजगार योजना जैसी ही योजना है। जो स्किल डेवलपमेंट के साथ ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने की बात करती है।
इस योजना के 2 घटक हैं। एक का नाम दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और दूसरे का नाम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन है। पहले घटक का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए कुशल और प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना था। ताकि उन्हें स्थायी आजीविका संवर्धन के माध्यम से घरेलू आय में बढ़ोत्तरी करने में मदद मिल सके। वहीं दूसरे घटक में शहरों के गरीबों का उत्थान है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर ने आज यानी बुधवार (अक्टूबर 14, 2020) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने यह भी बताया था कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत केंद्र प्रायोजित नई योजना के तौर पर स्टार्स (STARS) प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत 6 राज्य इसके दायरे में आएँगे। इनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल और ओडिशा का नाम शामिल है। जावड़ेकर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट विश्व बैंक द्वारा समर्थित है। इसकी लागत 5,718 करोड़ रुपए है जिसमें विश्व बैंक ने 500 मिलियन डॉलर का सहयोग किया है।