पेरिस में एक शिक्षक ने क्लास के दौरान ‘शार्ली एब्दो’ अख़बार में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया, जिसके बाद सिर कलम कर के उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्यारे को मार गिराया है। उसने एक किचेन नाइफ का प्रयोग करते हुए शिक्षक का सिर कलम किया। पुलिस ने जानकारी दी है कि इस घटना की जाँच एंटी-टेरर जज द्वारा की जा रही थी। पुलिस ने बताया है कि हत्यारा मॉस्को चेचन्या मूल का मुस्लिम था।
हत्यारे ‘छात्र’ की उम्र महज 18 साल थी। बताया गया है कि 47 वर्षीय इतिहास-भूगोल के प्रोफेसर स्कूल में क्लास ले रहे थे। फ्रांस में ये दोनों ही विषय साथ में ही पढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा उन्हें ‘नैतिक और व्यवहार विषयक शिक्षा’ का भी दायित्व सौंपा गया था। क्लास में सारे विद्यार्थी लगभग 12-14 वर्ष के थे। क्लास के दौरान ही शिक्षक ने ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ (FoE) के बारे में समझाते हुए ‘शार्ली एब्दो’ में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया।
इसके बाद कई छात्रों के परिवार इससे नाराज हो गए और उन्होंने पुलिस में औपचारिक शिकायत दायर की। ‘नाराज’ आरोपित ने उक्त शिक्षक पर हमला बोल दिया और उन्हें मार डाला। उसने हमले की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया। स्थानीय पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों को सूचित किया कि पेरिस सबअर्ब स्थित य्वेलिनेस कंफ्लॉस-सेंट-हॉरोनिन में एक लाश मिली है। ये इलाका पेरिस के नार्थ-वेस्ट में स्थित है।
पुलिस ने तत्काल हत्यारे का पीछा करना शुरू किया और उस पर कई गोलियाँ दागी गईं। पुलिस द्वारा कई बार चेतावनी देने के बावजूद उसने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया और उल्टा पुलिस को धमकी भी दी। उसने सुसाइड वेस्ट भी पहन रखा था, जिस कारण पुलिस को उस पूरे एरिया को सील करना पड़ा। शिक्षक का हत्यारा ‘अल्लाहु अकबर’ भी चिल्ला रहा था। शुक्रवार (अक्टूबर 16, 2020) की रात फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रॉन ने हत्यारे के मारे जाने की सूचना दी।
उन्होंने कहा कि इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ फ़्रांस का अभियान चल रहा है, और आतंकियों के प्रति नरमी नहीं बरती जाएगी। दरअसल, हुआ यूँ था कि एक अभिभावक ने ही उक्त शिक्षक के वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड कर दिया था। हालाँकि, एक दूसरे अभिभावक के अनुसार, वो एक अच्छे शिक्षक थे और उन्होंने कार्टून दिखाने से पहले कह दिया था कि अगर मुस्लिम बच्चे बाहर जाना चाहते हैं तो वो जा सकते हैं।
French teacher beheaded outside Paris; cops shoot, kill suspect who screamed ‘Allahu Akbar’ https://t.co/OxoR9UrrJ4
— The Washington Times (@WashTimes) October 16, 2020
अभिभावक ने कहा कि आज वो न सिर्फ अपनी बेटी बल्कि ऐसे कई छात्रों और शिक्षकों के लिए उदास हैं। साथ ही सवाल दागा कि क्या हम हत्या के भय के बिना पठन-पाठन का कार्य नहीं कर सकते? राष्ट्रपति मैक्रॉन ने इसे ‘गणतंत्र और इसकी मर्यादाओं पर हमला’ करार दिया और कहा कि आतंकी कभी फ़्रांस की जनता को विभाजित करने में सफल नहीं हो पाएँगे। 3 सप्ताह पहले ही ‘शार्ली एब्दो‘ के दो पत्रकारों की हत्या हो गई थी, इसीलिए पेरिस पहले से ही हाई अलर्ट पर है।
इस मामले में एक पाकिस्तानी युवक को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह जनवरी 2015 में ‘शार्ली एब्दो’ के दफ्तर के बाहर आतंकियों ने 12 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। पुलिस ने बताया कि उक्त शिक्षक को भी 10 दिनों से मौत की धमकी मिल रही थी। पुलिस ने बताया है कि हत्यारे के बारे में वहाँ की ख़ुफ़िया एजेंसियों के पास कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन उसका आपराधिक इतिहास रहा है।