किसान आंदोलन का राजनीतिकरण करने से इस समय कोई विपक्षी पार्टी नहीं चूक रही। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेसृ मामले को सुलझाने की बजाय केंद्र सरकार की आलोचना कर रही है और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भी किसानों को अपना समर्थन दिखाने के लिए एक यात्रा निकालने का ऐलान किया है।
समाजवादी पार्टी के इस ऐलान के बाद यूपी पुलिस ने लखनऊ से लेकर कन्नौज तक में हर कोने पर सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं अखिलेश यादव के घर के बाहर घेरा कर दिया गया है, जिसे देखकर सपा कार्यकर्ता लखनऊ में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस की बैरिकेडिंग को भी तोड़ रहे हैं।
समाजवादियों को गिरफ़्तार कर उन्हें किसानों का साथ देने से नहीं रोक पाएगी दंभी सरकार !
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 7, 2020
समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ता, नेता अपने अपने गृह जनपदों में किसान यात्रा को जारी रखें। pic.twitter.com/74aZngGuYs
लखनऊ के विक्रमादित्य रोड पर स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय को छावनी में बदल दिया गया है। हर जगह पुलिस के जवान खड़े हैं। अखिलेश यादव के घर के बाहर बैरिकेडिंग है। पुलिस ने किसी को भी यहाँ आने-जाने से मना किया है।
परिस्थितियों को संभालने के लिए पुलिस ने अपने पास वाटर कैनन भी रखे हैं। इधर, समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप और आशू मलिक को हिरासत में लिया गया है। दोनों नेताओं पर पुलिस से धक्कामुक्की का आरोप है। दोनों कार्यालय बंद होने के बावजूद उसमें जाने का प्रयास कर रहे थे।
कश्यप ने मीडिया से बात करते हुए सवाल किया है कि आखिर पुलिस उन्हें क्यों रोक रही है? क्यों अखिलेश यादव को रोका जा रहा है? उनका कहना है कि प्रदेश सरकार अखिलेश यादव से घबरा रही है और किसानों की आवाज उठाने पर उनके साथ अन्याय हो रहा है।
Lucknow: Police take Samajwadi Party MLCs Rajpal Kashyap and Aashu Malik into custody while they were trying to visit party office at Vikramaditya Marg.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 7, 2020
“Why are the police stopping us? This is undeclared emergency. Why is Akhilesh ji being stopped?,” says Kashyap. https://t.co/sFFAeMClzE pic.twitter.com/qX9R3at9If
यहाँ गौरतलब हो कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज सुबह किसानों के समर्थन में जनता को यात्रा में शामिल करने के लिए अपने ट्वीट में लिखा था, “कदम-कदम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा, ये जंग है ज़मीन की, अपनी जान भी लगाए जा… ‘किसान-यात्रा’ में शामिल हों! #नहीं_चाहिए_भाजपा।”
समाजवादियों और किसान में कोई समानता नहीं
— SHAILESH SINGH (@pksinghjadaun) December 7, 2020
क्योंकि
हजारों करोड़ की सरकारी संपत्ति और सरकारी नौकरियों की बंदरबांट करने वाले किसान नहीं हो सकते
गुण्डाराज चलाने वाले किसान कैसे हो सकते हैं।
किसानों के नाम पर उनकी जमीन और गौधन लूटने वाली पार्टी और नेता सिर्फ माफिया हो सकते हैं।
इस ट्वीट के बाद और पुलिस कार्रवाई देखकर सोशल मीडिया पर कई लोग इस पर अपनी राय रख रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि समाजवादियों और किसान में कोई समानता नहीं है, क्योंकि हजारों करोड़ की सरकारी संपत्ति और सरकारी नौकरियों की बंदरबाँट करने वाले किसान नहीं हो सकते। गुंडाराज चलाने वाले किसान कैसे हो सकते हैं? किसानों के नाम पर उनकी जमीन और गौधन लूटने वाली पार्टी और नेता सिर्फ माफिया हो सकते हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सत्ता में आने के लिए योगी सरकार की छवि बिगाड़ने में लगातार प्रयासरत है। यही कारण है कि वह अपने ट्वीट में किसानों के समर्थन के साथ #नहीं_चाहिए_भाजपा का हैशटैग लगा रहे हैं।
क़दम-क़दम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 7, 2020
ये जंग है ज़मीन की, अपनी जान भी लगाए जा
‘किसान-यात्रा’ में शामिल हों! #नहीं_चाहिए_भाजपा