चुनाव प्रचार में विवादित बयानों का सिलसिला लगातार जारी है। इस कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है। दरअसल, राजद के वरिष्ठ नेता और दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अब्दुल बारी सिद्दीकी ने रविवार (अप्रैल 21, 2019) को एक विवादित बयान देते हुए वंदे मातरम बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत माता की जय बोलने से कोई परहेज नहीं है, मगर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाना उनकी आस्था के खिलाफ है। सिद्दीकी ने कहा, ‘‘जो एकेश्वर में विश्वास रखता है वह कभी भी वंदे मातरम नहीं गाएगा।”
राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी बोले- वंदे मातरम नहीं गा सकता, आस्था के खिलाफ
— Haryana News (@haryanadotnews) April 22, 2019
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इसके साथ ही सिद्दीकी ने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पहला आतंकवादी करार दे दिया। सिद्दीकी यहीं नहीं रुके, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा में हिम्मत है तो वो गोडसे मुर्दाबाद का नारा लगाकर दिखाएँ। उन्होंने कहा कि क्या मोदी सार्वजनिक रूप से गोडसे की निंदा करेंगे?
सिद्दीकी के इस बयान से बिहार की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस बयान की निंदा करते हुए उन्हें बिहार का आजम खान बता दिया। सिद्दीकी के इस बयान पर बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के लोग भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा रखने वालों के साथ हैं, इसलिए उन्हें वंदे मातरम बोलने में परेशानी है।
वहीं, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सिद्दीकी को पहले ‘कठमुल्लावाद मुर्दाबाद‘ का नारा लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के विरोधी सिद्दीकी को दरभंगा की जनता सबक सिखाएगी। इसके साथ ही जनता दल यूनाइटेड ने भी इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन पर ओवैसी या तेजस्वी का असर हुआ है।
कॉन्ग्रेस ने सिद्दीकी के बयान से किनारा कर लिया है। कॉन्ग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को ऐसे विवादित बयानों से बचना चाहिए, क्योंकि इसका असर चुनावों पर पड़ता है। गौरतलब है कि दरभंगा में मुख्य मुकाबला राजद के उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्दीकी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर के बीच है।