Tuesday, November 19, 2024
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लद्दाख के इस ‘इडियट’ ने सेना के लिए बनाया अनोखा सोलर मिलिट्री टेंट: बाहर -14°C और भीतर +15°C तापमान

टेंट के बाहर के प्राकृतिक तापमान से टेंट के भीतर का तापमान 29°C ज्यादा था, जिससे गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों को वहाँ रात गुजारने में खासी आसानी होगी

वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें एक बार फिर से उनके इनोवेटिव प्रयास की सराहना हो रही है। उन्होंने एक ‘सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट’ तैयार किया है, जिसकी सहायता से भारतीय सेना के जवानों को बहुत ज्यादा ठंड वाले माहौल में रहने में भी आसानी होगी। सोनम ने बताया कि उन्होंने गलवान घाटी में भारतीय सेना की सहायता के लिए इस टेंट को तैयार किया है।

उन्होंने शुक्रवार (फरवरी 19, 2021) की रात ये तस्वीरें शेयर की और बताया कि रात के 10 बजे जहाँ बाहर का तापमान -14°C था, वहीं टेंट के भीतर का तापमान +15°C था। अर्थात, टेंट के बाहर के प्राकृतिक तापमान से टेंट के भीतर का तापमान 29°C ज्यादा था, जिससे गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों को वहाँ रात गुजारने में खासी आसानी होगी और साथ ही इतनी ज्यादा ठंड से भी राहत मिलती है।

सबसे बड़ी बात ये है कि ये टेंट सौर ऊर्जा पर संचालित है। सोनम वांगचुक ने बताया कि इससे कई टन केरोसिन तेल के उपयोग में भी कमी आएगी, जिससे प्रदूषण भी नहीं होगा। इससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद मिलेगी। सोनम ने बताया कि इस एक टेंट के भीतर 10 जवान आराम से रह सकते हैं। उन्होंने एक और बड़ी जानकारी दी कि इस टेंट में लगे सारे उपकरण और पार्ट्स पोर्टेबल हैं। उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।

साथ ही, इसका वजन भी 30 किलो से कम है, जिससे एक जगह से दूर जगह तक इसे ले जाने में कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने इस ‘सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट’ के बारे में जानकारी दी कि ये पूर्णरूप से ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट है, जिसे कि लद्दाख में ही बनाया गया है।

उन्होंने इस ट्वीट के साथ ‘कार्बन न्यूट्रल’ का हैशटैग भी इस्तेमाल किया है। इसका अर्थ हुआ कि इसके उपयोग से वातावरण में जरा भी कार्बनडाईऑक्साइड पैदा नहीं होगी। बता दें कि सुपरहिट फिल्म ‘3 इडियट्स’ में आमिर खान का कैरेक्टर ‘फुनसुख वाँगड़ू’ इन्हीं सोनम वांगचुक से प्रति था।

उधर पैंगोंग त्सो झील के आसपास भारत-चीन के बीच समझौते के बाद चीन की सेना पीछे हट गई है। साथ ही उसने अपने अस्त्र-शस्त्र भी हटा लिए हैं। भारत ने भी समझौते का पालन किया है। अब दोनों देशों की सेनाओं के बीच दसवें दौर की वार्ता होगी। रेचिन ला और रेजांग ला दर्रों पर तनाव ख़त्म हो गया है। अन्य क्षेत्रों को लेकर भी बातचीत जारी है। पहली बार ‘Disengagement’ के सभी समझौते लिखित में दोनों पक्षों द्वारा तैयार किए गए हैं।

इधर चीन की स्टेट मीडिया पीपुल्स डेली ने बताया है कि चार चीनी सैनिक, जो कि पिछले साल जून में भारत मे हुए हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए थे, उन्हें मरणोपरांत मानद उपाधियों और प्रथम श्रेणी के योग्यता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। एक कर्नल, जिन्होंने उनका नेतृत्व किया और गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हें भी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह पहली बार है जब चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि भारत के साथ गलवान हुए टकराव के दौरान उनके सैनिक भी हताहत हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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