पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट टीम में धोनी की उपयोगिता पर लगातार सवाल उठाने वाले लोगों को धोनी की आज की पारी ने थोड़ा शांत जरूर कर दिया होगा, जब उन्होंने 50वें ओवर की पहली गेंद पर छक्का जड़ा और निराश होते समर्थकों का दिल जीत लिया। धोनी ने 54 गेंदों पर 2 छक्कों के साथ 55 रन बनाए।
2019 की शुरुआत लगातार दो अर्धशतकों से करने वाले धोनी पर पिछले मैच में बहुत धीमे खेलने के कारण वही पुराना राग छेड़ा जाने लगा था: वो बूढ़े शेर हैं, अब वो बात नहीं रही, टीम में पंत को लाओ, धोनी को संन्यास ले लेना चाहिए, हम उसे रनों के लिए ऐसे संघर्ष करते नहीं देख सकते आदि।
लेकिन आज धीमी शुरुआत के साथ, कोहली के जाने के बाद धोनी ने वही किया जिसके लिए उन्हें उनके असली फ़ैन जानते हैं, पूजते हैं। पहले टीम के हिसाब से थोड़े समय पिच पर होना, और बाद में चेज़िंग रेट को बढ़ने न देना। आज की इनिंग बिलकुल वैसी ही थी, जब लगभग आठ की गति से चेज़ करना था और धोनी ने अंतिम के ओवरों में दिनेश कार्तिक के साथ मिलकर लगातार स्ट्राइक रोटेट किया।
अंतिम ओवर में जब सात रनों की दरकार थी, और धोनी समर्थक दिल में सोच रहे थे कि ‘यार, एक छक्का मार दो अंतिम ओवर में’, तो धोनी ने पहली ही गेंद पर लम्बा छक्का जड़ा और स्कोर को बराबरी पर ले आए।
पंत भले ही आज क्रिकेट में जलवे काट रहे हों, और टेस्ट सिरीज़ में कीपिंग के रिकॉर्ड भी बना रहे हों, पर धोनी का अनुभव, उनकी क्रिकेटिंग ब्रेन और स्टम्प के पीछे से गेंदबाज़ों को गाइड करते रहना उन्हें ऐसे तमाम कीपरों में सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
संक्षिप्त स्कोर:
ऑस्ट्रेलिया: 298/9 (मार्श 131, मैक्सवेल 48, भुवनेश्वर 4-45)
भारत: 299/4 (कोहली 104, धोनी 55, मैक्सवेल 1-16)
धोनी ने दिखाया पुराना रंग, कंगारुओं के पाउच से छीनी जीत
पंत भले ही आज क्रिकेट में जलवे काट रहे हों, और टेस्ट सिरीज़ में कीपिंग के रिकॉर्ड भी बना रहे हों, पर धोनी का अनुभव, उनकी क्रिकेटिंग ब्रेन और स्टम्प के पीछे से गेंदबाज़ों को गाइड करते रहना उन्हें ऐसे तमाम कीपरों में सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
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