Wednesday, November 6, 2024
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‘कलबुर्गी दूरदर्शन केंद्र बंद हो रहा है’: फर्जी खबर पर न्यू इंडियन एक्सप्रेस को प्रसार भारती के सीईओ ने लताड़ा

पिछले महीने (23 सितंबर 2021) बीजेपी सांसद डॉ. उमेश जाधव ने दूरदर्शन कलबुर्गी स्टेशन बंद करने की अफवाहों का खंडन किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, “मैंने श्री रमाकांत, एडीजी डीडी चंदनबंग से मुलाकात की थी, जहाँ उन्होंने स्पष्ट किया कि कलबुर्गी स्टेशन एनालॉग टेरिटोरियल ट्रांसमीटर को डिजिटल ट्रांसमीटर में बदल रहा है।”

न्यू इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र ने शनिवार (9 अक्टूबर 2021) को दावा किया कि प्रसार भारती 31 अक्टूबर से कर्नाटक के कलबुर्गी दूरदर्शन केंद्र से अपने कार्यक्रमों का प्रसारण बंद कर देगा। समाचार पत्र के वरिष्ठ विशेष संवाददाता रामकृष्ण बडसेशी (Ramkrishna Badseshi) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसके बाद प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया।

बडसेशी ने ट्वीट में किया, “प्रसार भारती ने 31 अक्टूबर 2021 से कलबुर्गी रीजनल सेंटर से अपने कार्यक्रमों के प्रसारण को बंद करने फैसला किया है।” अपने दावों की पुष्टि के लिए उन्होंने अपने लेख का स्क्रीनशॉट भी इसके साथ साझा किया। ‘दूरदर्शन केंद्र टू स्टॉप ट्रांसमिशन’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में पत्रकार ने शुक्रवार (8 अक्टूबर 2021) को चैनल द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया।

उन्होंने लिखा, “प्रसार भारती के महानिदेशालय के निर्णय के अनुसार, चैनल नंबर 07, फ्रीक्वेंसी: 195.25 मेगाहर्ट्ज विजुअल और 189.75 मेगाहर्ट्ज ऑरल पर चलने वाले कलबुर्गी (कर्नाटक राज्य) के हाई-पावर ट्रांसमीटर को 31-10-2021 से बंद कर दिया जाएगा।”

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के लेख का स्क्रीनशॉट

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने आगे कहा, “हालाँकि, इस बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है कि क्या यहाँ के सेंटर में प्रोग्राम का प्रोडक्शन होगा या मौजूदा भवन को प्रोडक्शन जारी रखने के लिए पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाएगा और प्रसारण बंद होने बाद यहाँ कितने कर्मचारी काम करना जारी रखेंगे।”

पत्रकार रामकृष्ण ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति की सामग्री की पुष्टि की थी। उन्होंने कलबुर्गी के सांसद डॉ. उमेश जाधव का हवाला दिया कि उन्होंने दूरदर्शन केंद्र को बंद करने के खिलाफ केंद्र सरकार को एक्शन लेने के लिए कहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

कलबुर्गी के सांसद, प्रसार भारती के सीईओ ने भ्रामक दावों को खारिज किया

आधे घंटे से भी कम समय में प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मीडिया को सभी तथ्यों की पुष्टि करने के बाद ही जिम्मेदार तरीके से खबरों को आगे बढ़ाना चाहिए। दूरदर्शन कलबुर्गी के कंटेंट क्रिएशन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। डीडी कलबुर्गी का कंटेंट डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के अलावा डीडी चंदना के दिए गए स्लॉट पर प्रसारित होता रहेगा।”

शशि शेखर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

प्रसार भारती के सीईओ ने आगे प्रेस विज्ञप्ति की गलत व्याख्या के लिए कुछ ‘मीडिया ग्रुप’ को दोषी ठहराया। उन्होंने इस पर स्पष्टीकरण दिया, “यह अप्रचलित (जो चलन में नहीं है) रूफटॉप एंटेना और एनालॉग ट्रांसमीटरों को एक चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के लिए था। दशकों पहले स्थापित किए गए एनालॉग ट्रांसमीटरों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना एक आवश्यक सुधार है।”

पिछले महीने (23 सितंबर 2021) बीजेपी सांसद डॉ. उमेश जाधव ने दूरदर्शन कलबुर्गी स्टेशन बंद करने की अफवाहों का खंडन किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, “मैंने श्री रमाकांत, एडीजी डीडी चंदनबंग से मुलाकात की थी, जहाँ उन्होंने स्पष्ट किया कि कलबुर्गी स्टेशन एनालॉग टेरिटोरियल ट्रांसमीटर को डिजिटल ट्रांसमीटर में बदल रहा है।”

उन्होंने कहा, “रमाकांत ने कहा कि दूरदर्शन ने एनालॉग टेरिटोरियल ट्रांसमीटर (एटीटी) को डिजिटल ट्रांसमीटर में बदलने का फैसला किया है। इसके अलावा, वे चंदना के लिए एजुकेशनल कंटेट तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों के साथ टाईअप कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कलबुर्गी में 29 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से केवल दो का तबादला किया गया है। वर्तमान में, कलबुर्गी दूरदर्शन डीडी चंदना के लिए साप्ताहिक आधे घंटे का कार्यक्रम तैयार कर रहा है।” इसके ​बारे में भाजपा सांसद ने सितंबर में ही सूचित किया था। इसके बावजूद न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने उन्हें यह दावा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया कि कर्नाटक का पहला चैनल जल्द ही बंद होने वाला था।

गौरतलब है कि जब दूरदर्शन को संचालित किया गया था, तब इसकी शुरुआत एनालॉग टेरिटोरियल ट्रांसमिशन से हुई थी। सिग्नल के लिए लोगों को एनालॉग एंटेना, जिसे यागी एंटेना भी कहा जाता है, उसे छतों या ऊँचे खंभों पर लगाना होता था। लेकिन अब सैटेलाइट टीवी, डिजिटल केबल टीवी और स्ट्रीमिंग सेवाओं के आने से टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन का चलन खत्म हो गया है। इसलिए ट्रांसमीटर और अन्य उपकरण टीवी स्टेशनों से हटाए जा रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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