छत्तीसगढ़ के जशपुर के पत्थलगाँव के किलकिला धाम में आर्य समाज द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में 250 परिवार के 600 लोगों ने क्रिसमस के दिन हिंदू धर्म में घर वापसी की। इस कार्यक्रम के दौरान महायज्ञ का आयोजन हुआ और विशाल भंडारा भी किया गया। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पैर पखारकर इनलोगों की घर वापसी करवाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान मंत्रोच्चार के बीच विधिवत तरीके से प्रबल प्रताप सिंह ने 250 परिवार के सभी सदस्यों के पैर पखारकर उनको हिंदू धर्म में दोबारा शामिल करवाया। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है। धर्मांतरण के जरिए कुछ लोग हिंदुओं को कमजोर करने में जुटे हैं। लेकिन ऐसे लोगों से निपटने के लिए अब देश में हिंदुत्व जाग चुका है और वो खुद राष्ट्र निर्माण के काम में लगे हैं।
बता दें कि इस कार्यक्रम की शुरुआत 23 दिसंबर से हुई थी। 500 युवक इस दौरान भगवा झंडा लेकर बाइक रैली में शामिल हुए और भव्य कलश यात्रा निकाली गई। फिर 24 दिसंबर की सुबह विश्व कल्याण महायज्ञ शुरू हुआ। बाद में घर वापसी की प्रक्रिया पूरी की गई। हिंदू धर्म दोबारा स्वीकारने वाले लोगों ने बताया कि उनके पूर्वजों ने किसी कारणवश ईसाई धर्म अपनाया था पर अब जब उन्हें दोबारा हिंदू धर्म में आने का मौका मिला तो वो इस कार्यक्रम में पहुँचे।
इससे पहले छत्तीसगढ़ में पत्थलगाँव के खूँटापानी में 400 परिवार के 1200 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की थी। इन लोगों को तीन पीढ़ी पहले ईसाई बनाया गया था। दो दिन के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। ये कार्यक्रम भी आर्य समाज और हिंदू समाज द्वारा आयोजित किया गया था। तब भी, भाजपा के प्रदेश मंत्री व ऑपरेशन घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सभी लोगों का पाँव धुलकर हिंदू धर्म में फिर स्वागत किया था।
जूदेव ने पिछले दिनों ऑपइंडिया से बातचीत में बताया था, “छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में हमलोग 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। कोरोना महामारी के कारण बीच में करीब दो साल हमारा यह अभियान रुक गया था। अब फिर से हम इसे गति दे रहे हैं। यह पवित्र काम है। देश निर्माण का काम है। इसे मेरे पिता ने शुरू किया और इससे जुड़कर मैं बहुत गौरवान्वित हूँ।”
उन्होंने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़ने की दो बड़ी वजह बताई थी। पहली, कोरोना महामारी और दूसरी, राज्य की सत्ता में कॉन्ग्रेस का होना। उन्होंने कहा था, “कोरोना महामारी का फायदा उठाकर मिशनरी ने बड़े पैमाने पर लोगों को धर्मांतरित किया है। कॉन्ग्रेस की सरकार होने से भी उन्हें मदद मिल रही। जहाँ भी कॉन्ग्रेस है, मसलन आप पंजाब में ही देखिए सिखों का कितने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है, इस तरह की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं। वे इसे उद्योग की तरह चला रहे जिसके लिए फंड इटली से आ रहा है।”