पश्चिम बंगाल में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अनुसार, शनिवार (22 जून) को बांकुरा ज़िले के पंचायसर में उनके 3 कार्यकर्ताओं को ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने की वजह से गोली मार दी गई, जबकि 14 साल का सौमन गंभीर रूप से घायल हो गया। फ़िलहाल, सौमन को मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहाँ वो ज़िंदगी और मौत से जूझ रहा है। बीजेपी ट्विटर हैंडल से शेयर की गई इस घटना पर बीजेपी का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी प्रशासनिक पावर का इस्तेमाल “निर्दोष नागरिकों पर आतंक फैलाने के लिए” कर रही हैं।
WB State Police shot 3 BJP workers for chanting “Jai Shri Ram” in Bishnupur. Teenager Soumen Bauri, 14, is critically injured and battling for his life. @mamataofficial is using her administration to unleash terror on innocent civilians just for perceived descent! pic.twitter.com/dFjEaoA1zJ
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) June 22, 2019
दरअसल, यह घटना उस वक्त हुई जब तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सांसद सुवेंदु अधिकारी बांकुरा में एक सार्वजनिक सभा में आए थे। यहाँ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद सत्ताधारी तृणमूल और बीजेपी के बीच तगड़ी झड़प हो गई और TMC कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के स्थानीय अध्यक्ष तमल भुइन की दुकान को तहस-नहस कर दिया। स्थानीय अध्यक्ष के बचाव में बीजेपी कार्यकर्ता TMC कार्यकर्ताओं से भिड़ गए।
बांकुरा ज़िले से बीजेपी सांसद सुभाष सरकार ने बताया कि आपसी झड़प की सूचना जब पुलिस तक पहुँची तो उन्होंने वहाँ गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने गोलीबारी करने पर तर्क दिया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया जिससे वहाँ मौजूद भीड़ तितर-बितर हो जाए। वहीं, बांकुरा के बीजेपी सांसद ने राज्य की पुलिस को फटकार लगाई और उनके इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि उन्होंने दंगाई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोलीबारी की थी।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के भाटपारा इलाक़े में हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसके बाद क्षेत्र में भाजपा का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस की निंदा करने वाले नारे लगाए गए। ख़बरों के मुताबिक, बम भी फेंके गए जिसके बाद पुलिस ने हिंसा रोकने के लिए स्थानीय लोगों पर लाठी चार्ज किया।
IANS न्यूज़ एजेंसी से हुई बातचीत में अहलूवालिया कहा, “जब दो समूहों के बीच झड़प हुई, तो पुलिस ने एक समूह पर आरोप लगाया और दूसरे पर गोली चला दी। हम जानना चाहते हैं कि यह फैसला किसने लिया? इस साज़िश के पीछे कौन था? इसमें पूरी जाँच होनी चाहिए। हम (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह को रिपोर्ट सौंपेंगे और उन्हें यहाँ की ज़मीनी स्थिति से अवगत कराएँगे।”
जय श्रीराम के नारे से ममता बनर्जी पहले भी कई बार आक्रामक हो चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि वो देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बचाने के लिए ‘जय श्री राम’ का विरोध करती रहेंगी। इस पर भाजपा ने मुख्यमंत्री निवास पर ‘जय श्रीराम’ लिखकर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया था।