यूक्रेन की स्थिति के मद्देनजर अपने नागरिकों को वहाँ से निकालने के क्रम में भारत सरकार ने कई पाकिस्तानी छात्रों को भी सकुशल उनके घर पहुँचाने का काम किया। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बाबत एक लड़की की वीडियो शेयर की जो यूक्रेन में फँसी थीं और भारत सरकार की मदद से अपने घर पहुँचने वाली हैं।
वीडियो में दिखाई देने वाली लड़की का नाम आसमां शफीक है जो कीव की भारतीय एबेंसी और भारत के प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हैं कि भारत ने उन्हें यूक्रेन से निकालने में मदद की। रिपोर्ट के अनुसार, आसमां को भारतीय अधिकारियों द्वारा बचाया गया और अब वह देश से बाहर निकलने के लिए पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते में है। वह जल्द ही अपने परिवार के साथ फिर मिलेंगी।
ट्वीट के साथ साझा की गई वीडियो में वह कहती हैं, “हेलो! मेरा नाम आसमां शफीक है। मैं पाकिस्तान से हूँ और मैं कीव में भारत की एंबेसी का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने हमारा हर तरह से साथ दिया। हम यहाँ बहुत मुश्किल हालातों में फँसे हुए थे। मैं प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद करती हूँ। आशा है कि हम लोग सुरक्षित घर पहुँच जाएँगे।”
#WATCH | Pakistan's Asma Shafique thanks the Indian embassy in Kyiv and Prime Minister Modi for evacuating her.
— ANI (@ANI) March 9, 2022
Shas been rescued by Indian authorities and is enroute to Western #Ukraine for further evacuation out of the country. She will be reunited with her family soon:Sources pic.twitter.com/9hiBWGKvNp
बता दें कि आसमां की इस वीडियो के सामने आने से पहले सोशल मीडिया पर कई वीडियोज वायरल हैं जिनमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान से आकर यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएँ, अपने देश लौटने के लिए भारत के झंडे का सहारा लेकर बाहर आ रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया की वायरल वीडियो में एक व्यक्ति दावा कर रहा था कि उनके मुल्क के छात्रों को यूक्रेन से जिंदा बच कर आने के लिए भारतीय झंडे का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। यह व्यक्ति आरोप लगा रहा था कि इमरान खान की सरकार अपने छात्रों की सलामती के लिए कोई कदम ही नहीं उठा रही।
भारतीयों के साथ अन्य मुल्क के नागरिकों की मदद
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के बीच 28 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ये बयान दिया गया था कि भारत अपने नागरिकों को निकालते समय अपने पड़ोसी देश के नागरिकों की भी मदद करेगा जो इस समय यूक्रेन में फँसे हुए हैं। ये पहली बार नहीं है जब भारत किसी विपत्ति में अन्य मुल्कों के नागरिकों के काम आ रहा हो। साल 2015 में युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को निकालने के दौरान भी भारत ने अन्य देशों के 1947 लोगों को बचाया था।