झारखंड के राँची में पूर्व नौकरशाह द्वारा संचालित चिल्ड्रेन होम में सात साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)’ के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मामले की छानबीन करने के लिए मंगलवार (26 अप्रैल, 2022) को राँची पहुँचे।
ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी देते हुए प्रियंक कानूनगो ने कहा, “आज झारखंड के राँची में हूँ। यहाँ एक चिल्ड्रेन होम में बच्चे के साथ स्टाफ़ द्वारा यौन हिंसा व उसके बाद उसको दबाने का मामला प्रकाश में आया है। बालगृह उसी रसूख़दार पूर्व नौकरशाह से ही सम्बंधित संस्था का है जहाँ बच्चों का उपयोग धरना, प्रदर्शन व अराजक गतिविधियों में करते हैं।”
शर्मनाक बात है कि पिछले चार घंटे से झारखण्ड पुलिस बच्चे के यौन शोषण के संज्ञेय अपराध में भी FIR दर्ज करने परिजन को फ़रियादी बनाने को बुलाने की ज़िद पर अड़ी है,न तो स्वयं से मुक़दमा बना रही न ही @NCPCR_ को फ़रियादी बना रही है।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) April 26, 2022
किसका दबाव है ?@HemantSorenJMM https://t.co/Ar8vUmrJi8
इसकी के साथ कानूनगो ने अपने अगले ट्वीट में राँची पहुँचने की घटना की बात की। उन्होंने लिखा, “शर्मनाक बात है कि पिछले चार घंटे से झारखंड पुलिस बच्चे के यौन शोषण के संज्ञेय अपराध में भी FIR दर्ज करने के लिए परिजन को फ़रियादी बनाने की ज़िद पर अड़ी है। न तो स्वयं से मुक़दमा बना रही न ही एनसीपीआर को अपना फरियादी बना रही है।” इसके साथ ही राज्य के सीएम हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए प्रियंक कानूनगो ने पूछा कि आखिर किसका दबाव है।
ऐसे हुआ खुलासा
गौरतलब है कि हाल ही में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एनसीपीसीआर में शिकायत दर्ज करवाया था कि बीते 7 अप्रैल को राँची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा संचालित रेनबो चिल्ड्रेन होम में एक आदिवासी बच्ची का वहीं के गार्ड ने यौन उत्पीड़न किया। इस मामले में बच्ची को न्याय दिलाने की बजाय चिल्ड्रेन होम के मैनेजर ने इस घटना को दबाने की कोशिश की। इसी पर आयोग ने संज्ञान लिया है।
इसी तरह से पूर्व आईएएस अधिकारी और कथित समाजसेवी हर्ष मंदर द्वारा चलाए जा रहे चिल्ड्रेन होम (अमन घर) में भी भी लड़कों के यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया था। इस चिल्ड्रेन होम के मालिक हर्ष मंदर ही हैं। आयोग के मुताबिक, बच्चों के यौन शोषण की कई घटना 2012, 2013 और 2016 में लड़कों के घर के भीतर हुई थी।