यौन शोषण के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने के लिए चर्च व ईसाई संगठन लगातार प्रयास कर रहे हैं। आरोपित बिशप के खिलाफ आवाज उठाने वाली ननों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और ऐसा कई दिनों से चालू है। ताजा खबर के अनुसार, बलात्कार आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने वाली नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को ईसाइयों के धार्मिक संगठन एफसीसी (Franciscan Clarist Congregation) से निकाल दिया गया है।
Kerala: Sister Lucy Kalappura, one of the nuns who had participated in the protest against rape-accused Bishop Franco Mulakkal, has been dismissed from the Franciscan Clarist Congregation. (file pic) pic.twitter.com/pkncy3byF0
— ANI (@ANI) August 7, 2019
इससे पहले इस वर्ष की शुरुआत में चार ननों का सिर्फ़ इसीलिए ट्रांसफर कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने बलात्कार आरोपित पादरी के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किया था। तमाम विरोध-प्रदर्शनों के बाद बिशप मुलक्कल को पिछले वर्ष सितम्बर में गिरफ़्तार किया गया था, बाद में उसे जमानत मिल गई थी। मुलक्कल के जमानत पर बाहर आने के बाद उसके अनुयायियों ने बड़ी संख्या में इकठ्ठा होकर उसका स्वागत किया था।
पीड़ित ननों ने बार-बार आरोप लगाया है कि चर्च प्रशासन और ईसाई संगठन आरोपित बिशप को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इसमें कुछ नेता भी उनका साथ दे रहे हैं। ननों ने आरोपित बिशप पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ के भी आरोप लगाए थे। ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थी कि केरल सरकार ने इस मामले की जाँच कर रहे दो पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया था।
बता दें कि एक नन ने उक्त बिशप पर कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। मामला अभी अदालत में लंबित है और जाँच चल रही है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपित बिशप ने उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया। पीड़िता के अनुसार, 2014 से 2016 के बीच बिशप ने 13 बार उसका बलात्कार किया। हालाँकि, आरोपित बिशप मुलक्कल इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे अपने ख़िलाफ़ बदले की साजिश बताता रहा है।