मशहूर ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर चाकू से हमला करने के आरोपित हादी मतार (Hadi Matar) ने न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ एक इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए हैं। आरोपित ने इस इंटरव्यू में ईरान के पूर्व नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘महान इंसान’ बताया। साथ ही बुकर पुरस्कार से सम्मानित सलमान रुश्दी के जीवित बचने पर ‘हैरानी’ जताई। हादी मतार फिलहाल जेल में बंद है।
हादी मतार ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह सलमान रुश्दी के हमले में जिंदा बच जाने के समाचार को सुनकर हैरान है। उसने कहा कि जब उसे एक ट्वीट से पिछली सर्दियों में पता चला कि लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट में आने वाले हैं, तो उसने वहाँ जाने का फैसला किया। मतार ने यह कबूल किया कि उसने लेखक को गंभीर रूप से चाकू मारा था, मगर उसे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि रुश्दी अभी भी जीवित हैं।
उसने ईरान के पूर्व नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की तारीफ करते हुए कहा, “मैं अयातुल्ला का सम्मान करता हूँ। मुझे लगता है कि वह एक महान व्यक्ति हैं। मैं इनके बारे में इतना ही कहूँगा। मुझे सलमान रुश्दी पसंद नहीं है। मुझे नहीं लगता कि वह बहुत अच्छा व्यक्ति हैं। वह (रुश्दी) ऐसा व्यक्ति है, जिसने इस्लाम पर हमला किया। उसने उनकी आस्था पर हमला किया।”
वीडियो इंटरव्यू में, उसने यह भी कहा कि उसने पहले रुश्दी के वीडियो देखे थे और वह उसे कभी पसंद नहीं आया। उसने कहा, “मैंने बहुत सारे व्याख्यान देखे। मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करता जो इस तरह के कपटी हैं।”
इंटरव्यू के दौरान उसने सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैनेटिक वर्सेज’ का भी जिक्र किया। उसने कहा कि उसने किताब के ‘कुछेक पन्ने पढ़े’ हैं। मतार ने कहा कि वह हमले से एक दिन पहले बस से बफेलो पहुँचा था और इसके बाद वह टैक्सी से चौटाउक्वा पहुँचा। उसने कहा कि उसने चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट मैदान का पास खरीदा और रुश्दी के लेक्चर से पहले वाली रात को घास पर सोया।
इससे पहले 15 अगस्त को ईरानी मीडिया ने इस हमले की व्यापक रूप से प्रशंसा की थी। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा था कि हमले में रुश्दी की एक आँख जा सकती है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के स्टेट ब्रॉडकास्टर जाम-ए जाम ने कहा था, “शैतान की एक आँख को अंधा कर दिया गया है।” इसके साथ ही, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी तेहरान ने हमले के लिए रुश्दी को दोषी ठहराया और कहा, “इस हमले में, हम सलमान रुश्दी और उनके समर्थकों के अलावा किसी और को दोष और निंदा के योग्य नहीं मानते हैं। इस्लाम के पवित्र बातों का अपमान करके और 1.5 अरब से अधिक मुस्लिमों और मजहबों के अनुयायियों की रेड लाइन को पार करके, सलमान रुश्दी ने लोगों के क्रोध और आक्रोश को उजागर किया।”
उल्लेखनीय है कि सलमान रुश्दी ने द सैटेनिक वर्सेज को 1988 में लिखा था। कथित तौर पर ये किताब पैगंबर मोहम्मद के बारे में थी। इसके बाजार में आने के बाद कट्टरपंथी भड़क गए थे। इस्लामवादियों का कहना था कि इस पुस्तक में इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद का अपमान किया गया है। इसके बाद उन्हें दुनिया भर में कई जगहों से हत्या की धमकी मिली। ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतुल्लाह खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था और रुश्दी का सिर कलम करके लाने वाले को 3 मिलियन डॉलर ईनाम देने को कहा था। इसके बाद रुश्दी बच-बच कर विदेशों में ही रहे। लेकिन 33 साल बाद जब शुक्रवार (12 अगस्त 2022) को उन पर हमला हुआ तो कट्टरपंथी खूब जश्न मनाते दिखे।
गौरतलब है कि भारतीय समयानुसार, शुक्रवार की रात को मतार ने सलमान रुश्दी को चाकू तब मारा, जब 75 वर्षीय लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर बैठे थे। काला कपड़ा पहना मतार पीछे से आया और लोगों के बीच बैठे रुश्दी पर चाकू से ताबड़-तोड़ हमला कर दिया।