जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-A हटाए जाने से नाराज पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कमी कर दी है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्ता निलंबित कर दिया है।
1-Downgrading of diplomatic relations with India.
— Govt of Pakistan (@pid_gov) August 7, 2019
2-Suspension of bilateral trade with India.
3-Review of bilateral arrangements.
4-Matter to be taken to UN, including the Security Council.
5-14th of August to be observed in solidarity with brave
Kashmiris. #StandwithKashmir pic.twitter.com/v06GmMc5lG
पाकिस्तानी अख़बार डॉन के अनुसार, “बुधवार (अगस्त 07, 2019) को पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को कम करने और भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने का ‘संकल्प’ लेते हुए, कश्मीर पर कब्जे के संबंध में हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कई बड़े फैसले लिए।”
डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में शीर्ष सुरक्षा संस्था की बैठक में कश्मीर पर कब्जे के लिए विशेष दर्जे को भारत के निर्णय के मद्देनजर मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित किया गया था।
बैठक में पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने, संयुक्त राष्ट्र में इस मामले को ले जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, “पीएम (पाक के पीएम इमरान खान) ने निर्देश दिया कि भारतीय नस्लवादी शासन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने के लिए सभी राजनयिक चैनलों को सक्रिय किया जाए।”
डॉन के अनुसार, बैठक में नई दिल्ली से पाकिस्तान के राजदूत को वापस बुलाने और भारतीय दूत को निष्कासित करने का भी फैसला किया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है, “हमारे राजदूत अब नई दिल्ली में नहीं होंगे और यहाँ से उनके राजदूतों को भी वापस भेजा जाएगा।”
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के संसद में भी चर्चा हुई। इस चर्चा में भाग लेते हुए इमरान सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने भारत से सभी संबंध खत्म करने की वकालत करते हुए कहा कि अगर भारत, हमसे (पाकिस्तान) बातचीत करने में दिलचस्पी नहीं रख रहा है तो उनका राजदूत यहाँ क्यों है?