कवि, गीतकार, गायक, अभिनेता, लेखक, पत्रकार, फिल्मकार के रूप में खुद की छवि स्थापित करने वाले भूपेन हजारिका को आज देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाना है। इसके अलावा भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख को भी आज राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न सम्मान दिया जाना है।
प्रणब मुखर्जी के अलावा इन दोनों ही हस्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जाना है.https://t.co/Kead7CArK8
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एक ओर जहाँ असमिया गायक भूपेन हजारिका को यह भारत रत्न मरणोपरांत उनकी असाधारण प्रतिभा के कारण दिया जा रहा है तो वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ये रत्न राजनीति में लंबी पारी के लिए दिया जा रहा है। उधर, नानाजी देशमुख को ये सम्मान देश की बड़े स्तर पर समाज सेवा करने के लिए दिया जाएगा।
National Hindi News, 08 August 2019 LIVE Updates: पूर्व प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख व भूपेन हजारिका को आज भारत रत्न देंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदhttps://t.co/Bv8Z18LWfc
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इन तीनों नामों ने भारत को अपने-अपने क्षेत्र में एक नए आयाम दिए। भूपेन दा ने जैसे असम की समृद्ध लोक धरोहर को अपने गानों के माध्यम से सुंदरतापूर्वक व्याख्यायित करके दुनिया के सामने पेश किया वह अविस्मरणीय है। जबकि कोलकाता के डिप्टी अकाउंटेंट जनरल कार्यालय में बतौर क्लर्क अपना करियर शुरू करने वाले प्रणव मुखर्जी अपनी मेहनत और बुद्धिमत्ता के बल पर राजनीति से जुड़े और जिस तरह से उन्होंने इस क्षेत्र में काम किया, उसने न केवल उन्हें सराहना के लायक बनाया बल्कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन भी करवाया।
नानाजी देशमुख के बारे में बताया जाता है कि 1977 में जनता पार्टी की सरकार में जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने नानाजी देशमुख को उद्योग मंत्री का पद स्वीकारने का न्यौता दिया लेकिन नानाजी ने इस प्रस्ताव को विनम्रता से नकार दिया। इसके साल भर बाद ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया और रचनात्मक कार्यों में जुट गए।