प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं- ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ आदि का प्रभाव दिखने लगा है। ब्रिटेन को पछाड़कर भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत से आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था में इस तरह की बड़ी छलांग पिछले 10 वर्षों के दौरान देखने को मिला। आज से 10 साल पहले यानी 2012 तक भारत विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी शामिल नहीं था। इस सूची में भारत का स्थान 11वाँ था, जबकि ब्रिटेन पाँचवें नंबर पर ही था।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, डॉलर विनिमय दर पर आधारित नॉमिनल कैश के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार नॉमिनल कैश में 854.7 अरब डॉलर (68.13 लाख करोड़ रुपए) हो चुका है। वहीं, उसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर (65 लाख करोड़ रुपए) था।
वहीं, सालाना आधार पर बात करें तो भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.17 लाख करोड़ डॉलर का है, जबकि ब्रिटेन का जीडीपी 3.19 लाख करोड़ डॉलर का है। भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से कुछ पीछे छठे स्थान पर है। इस आधार पर भारत की GDP ने बीते 20 वर्षों में 10 गुना वृद्धि हासिल की है।
बात दें कि भारत ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आँकड़े जारी किए हैं। इन आँकड़ों में भारतीय अर्थव्यवस्था की शानदार ग्रोथ का पता चलता है। भारत की अर्थव्यवस्था इस तिमाही में 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के जीडीपी आँकड़ों में भी कहा गया है कि भारत ने अपनी GDP को मजबूत किया है।
IMF के मुताबिक, साल 2019 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था नॉमिनल जीडीपी के आधार में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी थी। ब्रिटेन छठे स्थान पर चला गया था। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.9 लाख करोड़ डॉलर था। उस समय ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2.8 लाख डॉलर पर आ गई थी।