प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (23 अक्टूबर, 2022) को दीपावली की पूर्व संध्या पर अयोध्या पहुँचे, जहाँ उन्होंने रामलला की पूजा-अर्चना की और राम मंदिर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने साधु-संतों की मौजूदगी में रामलला की आरती उतारी। फिर उन्होंने गर्भगृह की परिक्रमा भी की। पीएम मोदी ने इसके बाद सरयू नदी के किनारे दीपोत्सव में शिरकत की। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके साथ मौजूद रहे।
पूरी अयोध्या में इस अवसर पर 50 लाख दीये जगमगा रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग इन कार्यक्रमों का साक्षी बन रहे हैं। भगवान राम के राज्याभिषेक का भी कार्यक्रम हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। ‘पुष्पक विमान’ (हेलीकॉप्टर) से भगवान राम, माँ सीता और लक्षमण की वेशभूषा में कलाकार आए। सीएम योगी ने उनकी अगवानी की और तिलक लगा कर आरती उतारी। ‘धर्मध्वज’ के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दीया जलाया।
रामकथा पार्क और सरयू तट पर PM का स्वागत किया गया। शैलेंद्र शास्त्री की अगुवाई में 51 वैदिकों की टीम ने वैदिक मंत्रोच्चार किया, जिससे वातावरण आध्यात्मिक नजर आया। रामलला के दर्शन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेब से निकाल कर रुपए भी दानपत्र में डाले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोगों ने अयोध्या को वीरान बना दिया था, लेकिन पीएम मोदी ने राम मंदिर का भूमिपूजन कर एक नया अध्याय शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि भगवान राम की कृपा से ही उनके दर्शन और अभिषेक का सौभाग्य मिलता है। उन्होंने कहा कि जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं। बकौल पीएम मोदी, आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊँचाई पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा – वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं।