दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) में एक ज़िंदा नवजात शिशु को मृत बता कर उसे डब्बे में पैक कर के माँ को थमा दिया गया। इसके बाद विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP (आम आदमी पार्टी) की सरकार को निशाना बनाया है। बच्ची के माता-पिता ने बताया कि जन्म के बाद अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया था, लेकिन परिजनों ने जब घर पहुँच कर डब्बा खोला तो वो ज़िंदा मिली।
इतना ही नहीं, जब बच्ची के परिजन शिशु को लेकर वापस अस्पताल पहुँचे तो डॉक्टरों ने उसे देखने से भी मना कर दिया। अब सेन्ट्रल दिल्ली की डीसीपी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने मामला संज्ञान में आने के बाद अस्पताल के शीर्ष चिकित्सकों से संपर्क साधा, जिसके बाद किसी तरह बच्ची की जान बच गई। पुलिस की मदद से उसका इलाज चल रहा है। उसे ICU में भर्ती कराया गया है। बच्ची की प्रीमैच्योर डिलीवरी हुई थी।
BJYM के नेशनल सेक्रेटरी तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इसे ‘अरविंद केजरीवाल का हेल्थ मॉडल’ बताते हुए कहा कि एक जीवित बच्चे को मरा हुआ बता कर डब्बे में पैक करके माँ को दे देना शर्मनाक है। LNJP के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार ने अपने डॉक्टरों का बचाव किया है, साथ ही मामले की जाँच प्रगति में होने की बात कही है। बच्ची का वजन मात्र 525 ग्राम है। वो मात्र 6 महीने, यानी 24 हफ़्तों में ही पैदा हो गई है।
ये हैं केजरीवाल का हेल्थ मॉडल। एक जीवित बच्चे को मरा हुआ बता कर डब्बे में पैक करके माँ को दे दिया गया ।
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) February 20, 2023
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MS सुरेश कुमार ने फ़िलहाल लापरवाही की किसी बात से भी इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि सभी वरिष्ठ डॉक्टर इसे बचाने में लगे हुए हैं, दिन-रात एक किए हुए हैं। उन्होंने यहाँ तक दावा कर डाला कि बच्ची को कभी घर भेजा ही नहीं गया था। उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म के बाद ऐसा लगा कि वो मृत है, लेकिन शरीर में हरकत देखे जाने के बाद ICU में भर्ती कराया गया। हालाँकि, रुखसार नामक महिला का कहना है कि उसकी बच्ची को वेंटिलेटर तक उपलब्ध नहीं कराया गया।