Thursday, November 7, 2024
Homeदेश-समाज'पेट्रोल बम लेकर आई भीड़, जला डाले हमारे दुकान': मीडिया के सामने बिहार के...

‘पेट्रोल बम लेकर आई भीड़, जला डाले हमारे दुकान’: मीडिया के सामने बिहार के हिन्दू पीड़ितों ने बयाँ किया दर्द, कहा – करते रहे मिन्नतें, नहीं आए फायर ब्रिगेड वाले

एक पीड़ित ने कहा है कि करीब 50-60 लोगों की भीड़ ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। भीड़ के हाथ में पेट्रोल बम था। इसी पेट्रोल बम को जलाकर दुकानों और गोडाउन में फेंका गया।

जब लोग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मोत्सव मना रहे थे तब देश के कई हिस्से साम्प्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहे थे। हिंसा की इस आग ने बिहार के नालंदा जिले में भी जमकर तबाई मचाई। ा खबरों में पीड़ितों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि नालंदा के बिहारशरीफ में मज़हबी भीड़ ने हिंदुओं की दुकानों और उनके गोडाउन में आग लगाकर उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया है।

दरअसल, बिहारशरीफ के सोगरा कॉलेज के ठीक पीछे हुई हिंसक घटनाओं और आगजनी को लेकर टीवी9 ने रिपोर्टिग की है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि हिंदुओं की दुकानें जलकर खाक हो गईं हैं। टीवी9 से बात करते हुए उमेश प्रसाद गोस्वामी नामक व्यक्ति ने बताया है कि उसकी 10 दुकानें में नुकसान हुआ है। उसकी दुकानों से सामान लूटकर आग लगाई गई है। नुकसान को लेकर पूछे जाने पर उमेश ने कहा है कि उसकी करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने भी कहा है कि पहले तो दुकान में घुसकर चोरी और लूटपाट की गई। इसके बाद गेट तोड़कर आग लगा दी गई।

उमेश कुमार की दुकान के ठीक सामने स्थित किताब की होल सेल की दुकान का भी लगभग यही हाल है। इस दुकान में भी आगजनी की गई है। पीड़ितों का कहना है कि उनकी दुकानों में आग लगने के 2-3 घण्टे बाद फायर ब्रिगेड यहाँ पर पहुँची थी। फायर ब्रिगेड के पहुँचने से पहले ही बहुत कुछ खाक में मिल चुका था। लोगों ने कहा है कि वे अधिकारियों से फायर ब्रिगेड भेजने के लिए मिन्नतें करते रहे लेकिन फायर ब्रिगेड टाइम से नहीं पहुँची।

एक पीड़ित ने कहा है कि करीब 50-60 लोगों की भीड़ ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। भीड़ के हाथ में पेट्रोल बम था। इसी पेट्रोल बम को जलाकर दुकानों और गोडाउन में फेंका गया। एक पाइप दुकान के मालिक ने कहा है कि दुकान के एक हिस्से में रखे पाइप तो बच गए हैं। लेकिन बाकी सब कुछ खाक हो गया। आगजनी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि बिहारशरीफ में जिस वक्त यह सब हो रहा था उस वक्त पुलिस प्रशासन मौके से नदारद था।

उन्होंने आगे कहा है कि पुलिस के मौके पर मौजूद न होने से आरोपितों को लूटपाट करने के लिए पर्याप्त समय मिला। दुकान में स्टेशनरी का सामान था और वहीं उनका ऑफिस भी था। भीड़ ने सब कुछ आग के हवाले कर दिया। पीड़ितों ने कहा है कि आग लगने की सूचना मिलने के बाद वे मदद माँगने के लिए थाने गए थे, लेकिन वहाँ उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जब तक पुलिस मौके पर पहुँची तब तक सब कुछ स्वाहा हो चुका था।

इस वीडियो में बड़ी बात यह रही कि जब लोगों ने टीवी9 के संवाददाता से कहा कि मंदिर में भी आग लगाई गई है तो संवाददाता ने हाथ हिलाते हुए कहा, “नहीं-नहीं इसको नहीं दिखाना है।” सवाल यह उठता है कि भीड़ ने मंदिर में आग लगाई तो उसे देश के सामने लाने और दुनिया को दिखाने में दिक्कत क्या है? हम इन दावों की पुष्टि नहीं करते, लेकिन पीड़ितों ने ऐसा कहा है तो ये जाँच का विषय तो है ही।

इस पूरी घटना में नालंदा के डीएम शशांक शुभांकर ने कहा है कि जिन स्थानों पर नुकसान हुआ है वह उसका मुआयना कर रहे हैं। सीसीटीवी और डीवीआर, ड्रोन और वीडियोग्राफी की फुटेज से आरोपितों को चिन्हित किया जा रहा है। अब तक 27 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। लगातार छापेमारी की जा रही है। सभी आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के दौरान फायरिंग हुई है। लोगों को छर्रे लगे हैं। 20-20 लोग घायल हुए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -