हाल ही में बिहार में एक सेक्स रैकेट का मामला सामने आया था। इसके तार पटना से लेकर आरा तक जुड़े हुए थे। इस केस में एक 11 वर्ष की नाबालिग पीड़िता ने आरजेडी विधायक के शामिल होने की बात कही है। पीड़िता ने जुलाई में अदालत के सामने दिए बयान में कहा था कि उसे RJD विधायक के घर पर भेजा जाता था।
पुलिस की जाँच में ये बात सामने आई कि इस सेक्स रैकेट के तार आरजेडी एमएलए अरुण यादव से भी जुड़े हुए हैं। अब इस मामले में भोजपुर पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी जमा कर दी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए कभी भी वारंट जारी हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस का कहना है कि विधायक को पकड़ने के लिए पटना, लसाढ़ी सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। हालाँकि, अब तक पुलिस को विधायक का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ऐसे में पुलिस मोबाइल सर्विलांस के सहारे भी विधायक की खोजबीन कर रही है। इसके लिए SIT के साथ-साथ डीआईयू टीम की भी मदद ली जा रही है।
इस सेक्स रैकेट का खुलासा होने और RJD विधायक का नाम सामने आने के बाद से ही कुछ लोगों द्वारा किशोरी पर दबाव दिया जाने लगा था। इसके लिए धमकी के साथ प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। इसमें शहर के ही एक युवा नेता का नाम सामने आया था, वह आरोपित विधायक का करीबी व एक प्रकोष्ठ के राज्य स्तर का नेता बताया जा रहा है।
18 जुलाई को पीड़ित लड़की ने अपने बयान में कहा था कि लड़कियों को आरा की एक इंजीनियर के आवास पर और होटलों में ले जाया जाता था। इसके बाद बीते 6 सितंबर को सेक्स रैकेट कांड में पीड़ित किशोरी का दोबारा बयान आरा कोर्ट में दर्ज कराया गया था।
सेक्स रैकेट कांड में अभी तक संचालिका अनीता, उसका दलाल संजीव, मनरेगा के इंजीनियर नीतीश कुमार एवं मास्टरमाइंड संजय और जीजा को पुलिस ने जेल भेज दिया है। इंजीनियर के गिरफ्तारी के बाद से ही यह अंगुली उठ रही थी कि विधायक पर आखिर क्यों नहीं शिकंजा कसा जा रहा है।