ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के बाद विपक्ष लगातार केंद्र पर निशाना साधने के तरीके खोज रहा है। ऐसे में खबर आई कि बरगढ़ जिले में भी एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी। मगर राजनीति करने वालों ने इसे शेयर कर करके भारतीय सरकार और भारतीय रेलवे पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए जबकि हकीकत कुछ और थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हादसा बरगढ़ जिले में मेंधापाली के पास एसीसी के रेलवे ट्रैक पर हुआ। यहाँ मालगाड़ी डूँगरी चूना पत्थर खदान से एसीसी सीमेंट फैक्ट्री जा रही थी। इसी दौरान फैक्ट्री परिसर के भीतर मालगाड़ी के 5 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना के पीछे वजह बताई जा रही है कि भारी वजन के चलते ये डिब्बे पलटे। लेकिन कोरोमंडल एक्सप्रेस के साथ हुए हादसे की आड़ में कुछ लोग इसे लेकर भी भारतीय रेलवे का दोष बताने लगे। हालाँकि सच यह है कि जिस ट्रैक पर मालगाड़ी पटरी से उतरी उसका रख-रखाव इंडियन रेलवे करता ही नहीं है बल्कि यह एसीसी के स्वामित्व वाली नैरोगेज रेल लाइन है।
इस घटना पर ईस्ट कोस्ट रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा है, “ओडिशा में बरगढ़ जिले के मेंधापाली के पास एक निजी सीमेंट फैक्ट्री द्वारा संचालित मालगाड़ी के कुछ डिब्बे फैक्ट्री परिसर के अंदर पटरी से उतर गए। इस मामले में रेलवे की कोई भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह से एक निजी सीमेंट कंपनी की नैरो गेज साइडिंग है। इसमें कंपनी द्वारा ही रोलिंग स्टॉक, इंजन, वैगन, ट्रेन ट्रैक सहित सभी बुनियादी ढाँचे का रखरखाव किया जाता है।”
◆ ट्रेन दुर्घटना फैक्ट्री परिसर में हुई है, घटना का रेलवे विभाग से कोई लेना-देना नहीं
— News24 (@news24tvchannel) June 5, 2023
बता दें कि शुक्रवार (2, जून 2023) शाम करीब 6:55 मिनट पर ओडिशा के बालासोर जिले के महानगा गाँव के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरियों से उतर गई थी। इसके बाद वह ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी से टक्कर होने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बगल वाली पटरी पर चले गए। इस पटरी पर दूसरी दिशा से यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन आ गई और कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों में जाकर टकरा गई।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव बना हादसे की वजह…
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (4, जून 2023) को एएनआई से हुई बातचीत में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह हादसा हुआ। रेलवे कमिश्नर ने इस पूरे मामले की जाँच की है। जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद सारी चीजें स्पष्ट हो जाएँगीं। जाँच रिपोर्ट के बाद हादसे के आरोपित भी सामने आ जाएँगे।
ज्ञात हो कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो ट्रेन किस पटरी से जाएगी और कहाँ उसकी पटरियों में बदलाव होगा यह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से ही तय होता है। इस सिस्टम का उद्देश्य यह है कि किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढ़ने नहीं दिया जाता, जब तक इस बात की पुष्टि न हो जाए कि आगे की पटरियाँ या रास्ता पूरी तरह सुरक्षित है।