उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और राजस्थान के सीकर जिले में गेमिंग ऐप के जरिए हुए धर्मांतरण की तर्ज पर गुजरात के राजकोट में इंस्टाग्राम के जरिए एक हिंदू युवक के धर्मांतरण का मामला सामने आया है। आशीष गोस्वामी नामक इस युवक ने इंस्टाग्राम पर मिली बांगलादेशी मुस्लिम लड़की से शादी के लिए इस्लाम अपना लिया था। लेकिन अब हिंदू संगठनों और साधु-संतों की समझाइश के बाद उसने घर वापसी कर ली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला राजकोट जिले के जेतपुर का है। यहाँ का आशीष गोस्वामी इंस्टाग्राम पर बांग्लादेश की मुस्लिम लड़की से बात करता था। लड़की के प्रभाव में आकर वह भगोड़े इस्लामी कट्टरपंथी जाकिर नाइक के वीडियो देखने लगा। इसके बाद लड़की से शादी करने के लिए करीब 6 महीने पहले उसने इस्लाम अपना लिया। अपना नाम बदलकर शेख मोहम्मद अलसामी रख लिया। धर्मांतरण के बाद वह घर छोड़कर मस्जिद में रहने लगा और 5 वक्त का नमाजी बन गया।
इंस्टाग्राम पर बांग्लादेशी युवती से निकाह की लालच में और यूट्यूब पर ज़ाकिर नाइक के वीडियो देखकर गुजरात के जेतपुर का हिंदु युवक बन गया था मुस्लिम।
— Lincoln Sokhadia (@journolinc) July 6, 2023
हिंदु संगठनों तक बात आई तो जेतपुर के नृसिंह मंदिर के महंत कन्हैयानंद जी साथीयो के साथ उसके घर पहुँचे। बुधवार देर रात तक उसे समजाने के… https://t.co/uNTtTGvlIg pic.twitter.com/rfN5n1Mj8k
बुधवार (5 जुलाई 2023) दो मुस्लिम युवक आशीष का खतना कराने के लिए उसे हॉस्पिटल लेकर पहुँचे। इस बात की जानकारी उसके परिजनों को हुई तो वे भी हॉस्पिटल पहुँच गए। सूचना मिलने पर हिंदू संगठन के लोगों ने भी मौके पर जाकर युवक को समझाने की कोशिश की। लेकिन वह किसी की भी सुनने को तैयार नहीं था। हालाँकि बाद में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता उसकी सनातन धर्म में वापसी कराने में सफल रहे।
हिंदू संगठन के लोगों और महंत की समझाइश से घर वापसी
स्थानीय हिंदू धर्म सेना के नेता और जेतपुर के नरसिंह मंदिर के महंत कन्हैयानंद महाराज बुधवार (5 जुलाई 2023) रात आशीष के घर पहुँचे। उनके साथ और भी लोग थे। सभी ने करीब 2 घंटे तक उसे समझाया। इसके बाद उसे अपनी एहसास हुआ कि वह कट्टरपंथियों की की बातों में आ गया था। इसके बाद महंत ने माथे पर चंदन का तिलक लगाकर उसकी सनातन धर्म में वापसी कराई।
आशीष ने महंत के सामने ही ट्रिमर लेकर मुस्लिमों की तरह रखी अपनी ढाढ़ी भी साफ कर दी। आशीष की घर वापसी के बाद उसके घर के बाहर हिंदू युवकों का जमावड़ा और बढ़ गया। सभी ने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
ऑपइंडिया ने महंत कन्हैयानंद महाराज से बात की। उन्होंने बताया, “बुधवार शाम करीब पाँच बजे जब यह विषय मेरे सामने आया तब मैं गाँधीनगर में था। लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए मैं तुरंत ही जेतपुर के लिए रवाना हो गया। रात करीब नौ बजे युवक के घर हम पहुँचे और उसे समझाने की कोशिश की।”
उन्होंने आगे कहा है, “आखिरकार रात 11 बजे के आसपास उसे हमारी बात समझ में आई। इसके बाद वह दुःखी होकर रोने लगा। मैंने उसे हिम्मत दी और चंदन का तिलक लगाकर सनातन धर्म में वापसी कराई।” महंत यह भी बताया कि इस्लामी कट्टरपंथी भगोड़े जाकिर नाइक और उसके जैसे अन्य मौलवियों से प्रभावित होकर आशीष ने ऐसा कदम उठाया था।