Sunday, September 29, 2024
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‘सनातन डेंगू की तरह, इसका खात्मा जरूरी’: प्रकाश राज ने उदयनिधि के बयानों का किया समर्थन, कलबुर्गी में सड़क पर उतरे लोग

एक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए प्रकाश राज ने कहा, “जो लोग सनातन धर्म और हिंदुत्व को कायम रखने पर आक्रामक रूप से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं। वे खुद को हिंदुत्व के ठेकेदार के रूप में पेश करते हैं।"

अभिनेता प्रकाश राज ने रविवार (10 सितम्बर, 2023) को कलबुर्गी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए फिर से हिन्दू और सनातन धर्म विरोधी बयान दिए हैं। यहाँ तमिलनाडु के मंत्री और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि द्वारा दिए गए हिन्दू विरोधी बयान को दोहराते हुए प्रकाश राज ने कहा, “सनातन डेंगू की तरह है और इसका खात्मा होना जरूरी है।” इससे पहले वो सनातन को ‘तनातन’ कहकर भी हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाते आए हैं।

ऐसे समय में जब सनातन धर्म पर वामपंथी और हिन्दू विरोधी ताकतों द्वारा सार्वजनिक रूप से हमले हो रहे हैं। अक्सर हिन्दू विरोधी बयानों से चर्चा में रहने वाले अभिनेता प्रकाश राज ने आग में घी डालने का काम करते हुए न सिर्फ सनातन धर्म विरोधी बयान दिए बल्कि यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म को कायम रखने पर आक्रामक तरीके से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं।

दरअसल, रविवार शाम को कलबुर्गी के एस.एम. पंडित रंगमंदिर में लेखकों, कलाकारों और एक्टिविस्टों के साथ एक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए प्रकाश राज ने कहा, “जो लोग सनातन धर्म और हिंदुत्व को कायम रखने पर आक्रामक रूप से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं। वे खुद को हिंदुत्व के ठेकेदार के रूप में पेश करते हैं। हमें उन्हें बताना होगा कि वे अपने राजनीतिक गलत इरादों को आगे बढ़ाने के लिए बोल रहे हैं। लोगों को इसे अवश्य समझना चाहिए और मुझे आशा है कि वे समझेंगे।”

इसी कार्यक्रम में प्रकाश राज ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को दोहराते हुए कहा कि सनातन डेंगू बुखार की तरह है और इसे मिटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 8 साल के बच्चे को धर्म से जोड़ना ही सनातन धर्म है। प्रकाश राज ने एक मुस्लिम बस कंडक्टर की कहानी भी सुनाई कि कैसे एक महिला ने उसे मुस्लिम टोपी उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस देश में रहना चाहिए। 

इतना ही नहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रकाश राज ने अपने हिन्दू धर्म विरोधी बातों के समर्थन में कई दलीलें दी। उन्होंने कहा, “छुआछूत की मानसिकता अभी भी है। यह सिर्फ इसलिए दूर नहीं हुआ है क्योंकि वहाँ एक नियम है और यह कानून के खिलाफ है। कर्नाटक में, एक मुस्लिम बस कंडक्टर था जिसने अपनी धार्मिक टोपी पहन रखी थी। एक महिला ने उससे इसे हटाने को कहा। ऐसे बोलने वाले और भी लोग होंगे। वहाँ आस-पास कौन से लोग थे जो ऐसा करते हुए देख रहे थे? कल एक कंडक्टर इयप्पा माला (धार्मिक माला) पहनेगा तो क्या आप उन्हें एक कंडक्टर के रूप में देखेंगे या उनकी भक्ति के रूप में? एक कंडक्टर वह भी होगा जो हनुमान टोपी पहनेगा और प्रार्थना करेगा। क्या हर कोई अपने कपड़े उतार कर बैठ सकता है? सभी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए। इस देश में सभी को जीवित रहना चाहिए ना? समाज में सभी को रहना चाहिए।” 

प्रकाश राज ने दक्षिणपंथी विचारधाराओं को वैज्ञानिक स्वभाव के विकास के लिए बाधक बताते हुए कहा कि वे हमेशा सभी के लिए समान शिक्षा की अवधारणा को हतोत्साहित करते हैं क्योंकि वे इसे कायम रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “वे वैज्ञानिक सोच को फैलने नहीं देते। वे गरीबी और अशिक्षा को बरकरार रखना चाहते हैं। उन्होंने कभी भी समान शिक्षा की माँग नहीं की, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर लोग शिक्षित हो गए और गरीबी से बाहर आ गए, तो वे सवाल करना शुरू कर देंगे।”

विरोध में उतरे लोग 

प्रकाश राज के हिंदू विरोधी बयानों के कारण रविवार (10 सितम्बर, 2023) को उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ। साथ ही कलेक्टर से प्रकाश राज के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने की माँग की गई। हालाँकि, यह प्रदर्शन प्रकाश राज के कलबुर्गी दौरे से पहले हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारी काले कपड़े पहनकर, काले झंडे दिखाते हुए नजर आए। विरोध के बाद भी कलबुर्गी में प्रकाश राज सनातन धर्म के खिलाफ बोलने से बाज नहीं आए। 

हिन्दू विरोधी बयानों से अक्सर चर्चा में

बता दें कि प्रकाश राज अक्सर हिंदू विरोधी बयानों को लेकर लगातार विवाद में रहते हैं। 3 सितंबर, 2023 को भी प्रकाश राज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ईवी रामास्वामी उर्फ पेरियार और डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो शेयर की थी। साथ ही लिखा था, “हिंदू तनतानी नहीं हैं। तनातनी मानवता विरोधी हैं।” तनतानी या TanaThanis शब्द का उपयोग वामपंथी, इस्लामवादी और ईसाई, हिंदुओं और सनातन धर्म का मजाक उड़ाने के लिए करते हैं। ऐसे में उन्होंने न केवल में सनातन धर्म का मजाक उड़ाने की पहले भी कोशिश की है बल्कि एक बार फिर अपना हिंदू विरोधी चेहरा स्पष्ट कर दिया था।

यही नहीं साल 2019 में उन्होंने रामलीला की तुलना चाइल्ड पॉर्न से की थी। साथ ही कहा था कि रामलीला जैसे आयोजनों से अल्पसंख्यकों के मन में डर पैदा हो जाता है। तब भी उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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