Saturday, November 23, 2024
104 कुल लेख

ओम द्विवेदी

Writer. Part time poet and photographer.

खजराना मंदिर की स्वयंभू गणेश प्रतिमा: औरंगजेब के हमले में भी सुरक्षित, जानिए श्रद्धालु आज भी क्यों बनाते हैं उल्टा स्वास्तिक

इंदौर स्थित खजराना गणेश मंदिर में विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है। औरंगजेब के हमले से बचाने के लिए इसे कुएँ में छिपा दिया गया था।

शिल्पकार के नाम से प्रसिद्ध दुनिया का ‘इकलौता’ मंदिर, पानी में तैरने वाले पत्थरों से निर्माण: तेलंगाना का रामप्पा मंदिर

UNESCO के विरासत स्थलों में शामिल है तेलंगाना के वारंगल स्थित काकतीय रुद्रेश्वर या रामप्पा मंदिर। 12वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर कुछ विशेष कारणों से है अद्वितीय।

सालासर बालाजी धाम: ‘इकलौते’ हनुमान जी, जिनकी है दाढ़ी-मूँछें, माता अंजनी को खुद से किया था दूर

राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी धाम, जहाँ विराजमान दाढ़ी और मूँछों वाले हनुमान जी अपने भक्त को दिए हुए वचन को पूरा करने...

वाराणसी का दुर्गा कुंड मंदिर: आदिकाल के 3 मंदिरों में से एक, जहाँ माँ दुर्गा के विरोधियों के रक्त से हुआ कुंड का निर्माण

आदिकाल में वाराणसी में 3 प्रमुख मंदिर थे, काशी विश्वनाथ, अन्नपूर्णा मंदिर और दुर्गा कुंड। महादेव की इस नगरी में माँ दुर्गा आदि शक्ति के...

लेपाक्षी मंदिर: जमीन से आधा इंच ऊपर हवा में लटका हुआ ‘हैंगिंग पिलर’, अंग्रेज इंजीनियर भी जिसका नहीं जान पाए रहस्य

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में स्थित है, श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर, जिसे लेपाक्षी मंदिर भी कहा जाता है। भगवान शिव, भगवान विष्णु और वीरभद्र को...

कृष्णभक्त Vs रामभक्त और ओरछा में रामराजा मंदिर की स्थापना, जहाँ श्री राम को MP पुलिस देती है ‘गार्ड ऑफ ऑनर’

ओरछा के रामराजा मंदिर में श्री राम, भगवान और राजा, दोनों रूप में पूजे जाते। यहाँ कोई भी VIP नहीं, अगर कोई VIP है तो वह राजा रामचन्द्र हैं।

16 अगस्त को ममता बनर्जी मना रहीं ‘खेला होबे दिवस’, 1946 की इसी तारीख को मुस्लिम लीग ने लॉन्च किया था ‘डायरेक्ट एक्शन डे’

16 अगस्त 1946 को हिंदुओं का कत्लेआम शुरू हुआ था, उसी तारीख को 'खेला होबे दिवस' मना क्या संदेश देना चाहती हैं ममता बनर्जी?

जहाँ नारी स्वरूप में पूजे जाते हैं हनुमान जी: रतनपुर का गिरिजाबंध मंदिर, 10000 साल पुराना इतिहास

रतनपुर के गिरिजाबंध हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान जी की नारी स्वरूप प्रतिमा के बारे में मान्यता है कि यह लगभग 10,000 साल पुरानी स्वयंभू प्रतिमा है।