बस नाम में शीत, गरमी भरपूर: संसद के इस सत्र में पश्मीना शॉल के अलावा और क्या-क्या होगा, सब कुछ एक साथ
संसद सत्र हंगामेदार होगा, यह भारतीय राजनीति के विशेषज्ञों और मीडिया का सबसे बासी क्लीशे है। असल में क्या होना है यह जानिए।
संसद सत्र हंगामेदार होगा, यह भारतीय राजनीति के विशेषज्ञों और मीडिया का सबसे बासी क्लीशे है। असल में क्या होना है यह जानिए।
राष्ट्रीय राजनीति में जिस भूमिका की तलाश में ममता बनर्जी हैं, उसे पहले से ही अस्तित्व के संकट से दो-चार हो रहे अन्य दलों के चुक गए नेताओं के सहारे…
क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक का फैसला चाहे जो हो, उस पर कानून और नियम बनाने का प्रस्ताव उचित दिशा में सही कदम है और इसका…
मुस्लिम समाज औरों से धर्म निरपेक्षता की उम्मीद करता है पर खुद धर्मनिरपेक्ष होने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड के प्रस्ताव में केवल मुस्लिम समाज के ईशों की निंदा…
लिस्टिंग के दिन ही Paytm के शेयरों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और निवेशकों के करीब 35 हजार करोड़ रुपए डूब गए। इसके बाद सोशल मीडिया में मीम की बाढ़ आ…
वैक्सीन को लेकर मुस्लिम समाज में यही झिझक पोलियो के खिलाफ अभियान के शुरूआती दिनों में भी दिखी थी जिसके कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
लिबरल गिरोह और उसके इकोसिस्टम के लोगों के लिए अब अपने एजेंडा को छिपाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। अब ये इकोसिस्टम पूरी बेशर्मी के साथ अपना एजेंडा चलाता है।
जो कंगना रनौत की बातों के विरोध में किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं, वही वीर दास के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का हथियार चला रहे।