इतिहास का वह दौर जब होली ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी हो गई थी
मध्यकालीन भारतीय मंदिरों के भित्तिचित्रों और आकृतियों में होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए इसमें 17वीं शताब्दी की मेवाड़ की एक कलाकृति में महाराणा को…
मध्यकालीन भारतीय मंदिरों के भित्तिचित्रों और आकृतियों में होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए इसमें 17वीं शताब्दी की मेवाड़ की एक कलाकृति में महाराणा को…
जहाँ ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में। राजस्थान के अजमेर शहर…
खलीफा वालिद बिन अब्दुल मलिक सूर्यदेवी के सौंदर्य को देख कर मोहित हो गया और उसके भीतर हवस की आग जाग उठी। फिर उसने राजा दाहिर की बड़ी बेटी के…
वो कौन से योद्धा थे तो आज से 5000 वर्ष पूर्व भी उन्नत किस्म के रथों से चलते थे। कला में दक्ष, युद्ध में महान। वीरांगनाएँ पुरुषों से कम नहीं।…
एमएस गोलवलकर लाखों स्वयंसेवकों के मार्गदर्शक हैं। आज भी स्वयंसेवक उनको ''गुरुजी" के नाम से पुकारते हैं। वो गोलवलकर ही थे, जिनके कारण...
रानी गाइदिन्ल्यू जिस हेराका आन्दोलन को चलाती रही, वो मुख्यतः अपनी सभ्यता-संस्कृति बचाने के लिए ही था। उन्हें बैप्टिस्ट ईसाइयों का हिंसक विरोध झेलना पड़ा।
बसंत, बसंत पंचमी, मदनोत्सव, सरस्वती पूजा, होली की शुरुआत, शमशान में मौत के तांडव पर भारी जीवन उत्सव- बसंत यह सब कुछ है।
भीमबेटका के ऑडिटोरियम गुफा की छत पर मिले जानवर का जीवाश्म करीब 57 करोड़ साल पुराना है। इसका नाम डिकिनसोनिया है।
आज शायद यकीन नहीं हो, लेकिन मेजर जनरल डीके पालित ने अपनी किताब में बताया है कि नेहरू सेना को भंग करने के पक्ष में थे।
असलियत में मुगल इस देश में धर्मान्तरण, लूट-खसोट और अय्याशी ही करते रहे परन्तु नेहरू के आदेश पर हमारे इतिहासकारों नें इन्हें जबरदस्ती महान बनाया और ये सब हुआ झूठी…