विचार

‘जस्टिस’ रवीश कुमार नींद से नहीं जागना चाहते क्योंकि उन्हें वही ‘दंगा साहित्य’ पसंद है जो वास्तविकता से अलग है

रवीश आज भी नेहरू-इंदिरा के अहंकार के उस दौर से आतंकित हैं, जब मनचाहे तरीकों से सत्ता, समाज और संस्थाओं को अपने नियंत्रण में रखा करती थी। लप्रेकी रवीश इस…

मुरारी बापू जी, अली-मौला इतना ही पसंद है तो टोपी लगा कर नमाज पढ़ लीजिए, सत्संग-प्रवचन का नाम क्यों ले रहे?

एक तरफ एक मजहब है, जो कि अपने मूल रूप में प्रसारवादी, राजनैतिक और ऐतिहासिक तौर पर हिंसक और लूट-पाट से ले कर आतंक का शासन स्थापित करने पर तुला…

अमरोहा में दलित हत्या पर छाती पीटने वाले जौनपुर में दलितों के गाँव फूँके जाने पर चुप क्यों हैं?

क्या दलितों की पीड़ा की बात तभी की जाएगी जब आरोपित सवर्ण हों? आरोपित समुदाय विशेष के होंगे तो पीड़ितों का दलित होना भूला दिया जाएगा?

इंदिरा गाँधी अपदस्थ: आज ही के दिन जस्टिस सिन्हा ने ‘फासीवादियों’ के दबाव के बावजूद सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

इस कदम ने इंदिरा गाँधी को और भी अधिक निरंकुश बना दिया था। फिर पत्रकारों की गिरफ्तारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के खून से लोकतंत्र के इतिहास का सबसे कलंकित…

मुस्लिम असलम का अपराध हिन्दुओं के नाम: आजतक समेत मेन्स्ट्रीम मीडिया ने नाम छुपाया, गलत शब्द लिखे

बहुत ही बारीकी से कभी प्रतीकात्मक तस्वीर के नाम पर तो कभी सीधे खुल्ले में खेलते हैं कि कौन सी जनता जा रही है तहकीकात करने? अगर बाद में पता…

AltNews के बचाव में आया BBC, जो खुद ब्रिटेन में कट्टरपंथियों की हिंसा के वीडियो काट कर दिखा रहा

बीबीसी की इस दर्दभरी हेडलाइन के भीतर जाने पर पता चलता है कि यह लेख सिर्फ और सिर्फ फेक न्यूज़ और भ्रामक तथ्य फैलाने की स्वीकृति माँगने के अलावा और…

रोजगार और मजदूरों की भलाई के लिए चीन की ‘स्किल मैपिंग’ नीति पर योगी सरकार, एक साथ होंगे कई सुधार

चीन में स्किल मैपिंग डेटाबेस तैयार करने व विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में आवश्यकतानुसार श्रम-शक्ति उपलब्ध कराने की ऐसी ही व्यवस्था है। इससे...

प्रिय वामपंथियो! अपनी खून की प्यास को सही ठहराने के लिए माँ के गर्भ का ‘इस्तेमाल’ बंद करो

आखिर क्यों न किया जाए सफूरा से सवाल? दिल्ली दंगे क्या कोई फिल्मी सीन था, जिन्हें स्मृतियों से डिलीट कर दें? या कोई काल्पनिक घटना थी, जिसे...

मेवात बना मिनी पाकिस्तान, पुलिस लाचार क्यों: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on Mewat being mini Pakistan

मेवात को दलितों का कब्रिस्तान कहा जा रहा। यहाँ 500 में 103 गाँव हिन्दूविहीन बना दिए गए। 84 गाँवों में सिर्फ 4 या 5 हिन्दू परिवार रह गए हैं।

तबरेज हो या अखलाक, जैनब जैसों को दो पैसा फर्क नहीं पड़ता, सारा ज्ञान वामपंथी विचार के लिए है

ज़ैनब सिकंदर एक लाइन का कुछ लिखें या हजार शब्दों का कुछ लिखें, उसका एक ही मकसद है अपनी हिन्दूघृणा को साकार रूप देना और अपने 'मजहबी टार' को अपनी…