विचार

CAA और NRC पर फरहान गैंग के हर झूठ का पर्दाफाश: साज़िश का जवाब देने के लिए जानिए सच्चाई

सीएए और एनआरसी को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। फरहान अख्तर ने अंग्रेजी में वही चीजें शेयर की है, जिसमें वही बातें हैं जिन्हे व्हाट्सप्प फॉरवर्ड के माध्यम से…

कहानी एक अब्दुल की जिसे टीवी एंकर दंगाई बनाता है… उसकी मौत से फायदा किसको?

अब्दुल गिर जाता है, उसकी आँखों के सामने स्कूल जाती रजिया का चेहरा घूमता है, उसके माता-पिता की तस्वीर नाचती है, उसकी आँख बंद होने लगती है, लोग उसके ऊपर…

जामिया में मजहबी नारे ‘नारा-ए-तकबीर’, ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ क्यों लग रहे? विरोध तो सरकार का है न?

संविधान में आस्था है तो पुलिस पर पत्थरबाज़ी कैसे कर लेते हो? वो इसलिए कि तुम्हें पता है कि वो 'उम्माह' तुम्हारी खातिर जहाँ कहीं भी है, उठ खड़ा होगा…

लिबरपंथियो, आँकड़े चाहिए हिन्दुओं पर हुए अत्याचार के? ये लो – रेप, हत्या, मंदिर सब का डेटा है यहाँ

पाकिस्तान से हर साल 5000 हिन्दू अपना घर-बार छोड़ कर भारत भाग आते हैं। वहाँ के 95% मंदिरों पर कब्ज़ा कर उनमें दुकानें चलाई जा रहीं। बांग्लादेश में 3000 से…

‘Pak में मेरे परिवार को मुस्लिम बना दिया’ – CAB पर बोलना था विरोध में, डेरेक ओ’ब्रायन ने सच उगल दिया

एक चतुर लेकिन बौखल वकील बुढ़ापे में यह भूल गया कि किस तरफ़ से बहस करने की फीस मिली है, और जाकर अपने ही मुवक्किल को कातिल साबित करने वाली…

क्या नागरिकता बिल मुसलमानों को भगाने के लिए लाया गया है?

मुसलमानों के साथ कौन सा अन्याय हुआ है? कहाँ के मुसलमान को वो नहीं मिल रहा जो हिन्दुओं को मिल रहा है? क्या कोई ऐसी योजना है, छात्रवृत्ति है, कोई…

तू चल मैं आता हूँ: बरखा दत्त माँगे आज का ‘गाँधी’, याद आई लोमड़ी-कौव्वे की कहानी

मीडिया गिरोह ऐसे आंदोलनों की तलाश में रहता है, जहाँ अपना कुछ दाँव पर न लगे और मलाई काटने को खूब मिले। बरखा दत्त का ट्वीट इसकी प्रतिध्वनि है। यूॅं…

भारत ने किसी ‘समुदाय विशेष’ का ठेका नहीं ले रखा NDTV के सम्पादक महोदय! अल्पसंख्यक का रोना बंद करें

NDTV के सम्पादक श्रीनिवासन जैन नागरिकता विधेयक को लेकर अपने ट्वीट के चंद शब्दों 'excludes a specific minority community' में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने, उन्हें नाहक ग्लानि का अनुभव…

महाभारत में ‘बलात्कार’ की क्या सजा थी? इसे स्त्री की ‘इज्जत लुटने’ जैसी बेहूदी बात से किसने जोड़ा?

महाभारत की द्रौपदी वैसी नहीं थी जैसा उसे पूर्वग्रहों से ग्रस्त कुछ लोग दर्शाना चाहते हैं। क्या वो फैसले लेती नजर आती हैं? जवाब है- हाँ। जैसे आज के भारत…

समाज एनकाउंटर पर जश्न मनाता है, तो उसका कारण है: उन्नाव की बेटी भी कल मर गई

जब नागरिक ऐसे मामलों से उब जाते हैं तो फिर ऐसी मौतों का जश्न मनाते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में जब किसी की हत्या ही न्यायोचित थी, भले ही उस…